बसंत पंचमी के अवसर पर बेगपुर में निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर आयोजित 

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City24news@अशोक कौशिक 

नारनौल। आयुष विभाग की ओर से बसंत पंचमी के अवसर पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय बेगपुर में निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। शिविर में जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। शिविर में 260 रोगियों की जांच, उपचार एवं औषध वितरण किया।

डा. राकेश कुमार ने कहा कि आज के समय में केवल आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से ही स्वस्थ रहा जा सकता है। इसलिए हमें आयुर्वेद में वर्णित जीवन शैली, दिनचर्या, ऋतुचर्या का पालन एवं नियमित योग-प्राणायाम  करते हुए स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका अदा करते हुए बीमारियों पर होने वाले खर्च को बचाकर राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।  

जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. अजीत सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी बसंत पंचमी के अवसर पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय अटेली बेगपुर में आमजन को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप में ऋतु अनुसार आहार विहार, औषधीय पौधों व मौसमी बीमारियों से बचने के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में आयुर्वेदिक व पंचकर्म पद्धति द्वारा जोड़ों में दर्द, दमा, रक्तचाप, मधुमेह आदि सामान्य रोगों का उपचार किया गया व आयुर्वेद के माध्यम से दर्द प्रबंधन, अग्निकर्म, विद्धकर्म, मर्मचिकित्सा और कपिंग चिकित्सा द्वारा दर्द का निवारण किया गया तथा निशुल्क दवाइयां वितरित की। इस कैम्प में रक्ताल्पता, वृद्धावस्था जनित रोगों के बचाव के बारे में भी परामर्श दिया गया। इसके अलावा स्थानीय औषधियों के द्वारा रोगों के बचाव के बारे में बताया तथा योग और प्राणायाम से स्वस्थ बने रहने के विषय में आयुष योग सहायकों द्वारा डेमो करके बताया। आयुष योग सहायकों द्वारा हर घर परिवार सूर्य नमस्कार के तहत आम जन को सूर्य नमस्कार का अभ्यास करवाया।

उन्होंने आमजन को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली(अश्वगन्धा चूर्ण, च्यवनप्राश व कोटमचुक्कादि तैल) औषधियों की किट 10 वृद्ध जनों को निशुल्क वितरित की गई। उन्होंने कहा कि बाजरा, जौ, चना, ज्वार आदि मोटे अनाज को अब हमें अपने भोजन में पुन स्थान देना चाहिए जिसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। हमारे बुजुर्ग मोटे अनाज को खाकर ही स्वस्थ रहते हुए 100 साल की आयु जीते थे लेकिन हम उन आदतों को भुलाकर आधुनिकता के प्रभाव में उन्हें छोड़ दिया है, परिणामस्वरूप हम रक्तचाप, मधुमेह एवं पेट की बीमारियों जैसी बड़ी बीमारियों से ग्रसित होने लगे हैं। 

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