आत्मा के कल्याण के लिए जिस का मन कन्हैया से जुड़ जाए फिर कभी नहीं टूटता- श्री राघवाचार्य जी महाराज

0

City24news/सुमित गोयल
फरीदाबाद। पंजाब अग्रवाल समाज (रजि0.) द्वारा तेरापंथ भवन सेक्टर-10 में आयोजित श्रीमद़ भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के दौरान कथा व्यास परम श्रद्वेय जगदगुरू रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) ने ध्रुव और भरत चरित्र का व्याख्यान किया। श्री राघवाचार्य जी महाराज ने बताया कि मनुष्य अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है भगवान का भजन नहीं करता हम को ध्रुव जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए अपने जीवन में जो वाणी सोई हुई है उसको जगा के अपने जीवन में भजन करें और सदमार्ग पर चले ऐसा परमात्मा से आर्शीवाद प्राप्त हो। ध्रुव जी ने ओम नमो: भगवते वासुदेवाय नम: मत्र का जाप कर परमात्मा को पांच वर्ष की अवस्था में प्राप्त कर लिया। उन्होनें बताया कि वर्तमान समय में भरत चरित्र की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। जिस स्वार्थ के कारण आज भाई-भाई जहां दुश्मन जैसा व्यवहार करते हैं। वहीं भरत चरित्र में त्याग, संयम, धैर्य और ईश्वर प्रेम भरत चरित्र का दूसरा उदाहरण है। भरत का विग्रह या स्वरूप श्री राम प्रेम मूर्ति के समान है। संसार में हम जहां भी जाएं सुख की कामना करते है। लेकिन सुख है कहां सुख कहीं भी नहीं मिलता। सुख तो गोविन्द के नाम में है। अंात्मा के कल्याण के लिए जिस का मन कन्हैया से जुड़ जाए फिर कभी नहीं टूटता। इस अवसर पर पंजाब अग्रवाल समाज के सरंक्षक शिव सरन गोयल, रमेश गुप्ता (राष्ट्रीय कोषधक्ष, विश्व हिन्दू परिषद), रुलदू राम गर्ग, पवन गर्ग अध्यक्ष रान्ति देव गुप्ता, उपाध्यक्ष अवतार मित्तल, महासचिव बनवारी लाल गर्ग, सचिव अनिल गर्ग, अम्बरीष गोयल, वित्त सचिव राजेन्द्र कुमार गर्ग,कोषाध्यक्ष राकेश सिंगला व जनक राज बंसल, सतीश गर्ग, अश्वनी गर्ग, विजय गुप्ता, हरिओम गर्ग, जयपाल सिंगला, धर्मपाल गोयल, श्याम लाल गोयल, सुरिंदर बंसल, ऊषा रानी गर्ग, राकेश बंसल, पवन बंसल, श्री कृष्ण सिंगल, प्रेम पसरीचा, कैलाश शर्मा, जयभगवान गर्ग, राजेश बंसल, गौतम चौधरी, कमल अग्रवाल, सतीश गोयल, हरीश कोहली, अनूप गुप्ता, अरुण आहूजा, कालिदास गर्ग, कन्हिया लाल वैध, (अध्य्क्ष तेरापंथ भवन, फरीदाबाद) टीम सहित, रोशन लाल बोरार, संजीव अग्रवाल आदि भक्त उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *