फसल अवषेष प्रबन्धन योजना का लाभ उठाये किसान : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जिला के किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार की ओर से क्रियान्वित की जा रही फसल अवशेष प्रबन्धन योजना का लाभ उठाऐं। किसान कृषि यंत्रों से धान की पराली को मिट्टी में मिलाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढा सकते है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेषक, डा. विरेन्द्र देव आर्य ने बताया कि बासमती व गैर बासमती धान के अवशेषों का भी In-Situ/ Ex- Situ मशीनों द्वारा प्रबन्धन किये जाने पर भी एक रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। उन्होने बताया कि फसल अवशेष प्रबन्धन योजना (SB-82) 2024-25 के तहत धान की फसल कटाई उपरान्त धान फसल अवशेषों को फसल अवशेष प्रबन्धन मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने/पराली की गांठ बनाने पर किसानों को एक हजार रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। जिसके लिए किसान 30 नवम्बर 2024 तक www.agriharyana.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने हेतू किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। पोर्टल पर पंजीकरण उपरान्त आवेदन प्रति को ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा सत्यापित करवाना होगा। मशीन द्वारा अवशेषों को मिट्टी में मिलाते समय का जीपीएस लोकेशन सहित फोटो सलंग्न करना अनिवार्य है।
उन्होने कहा कि फसल अवशेष प्रबन्धन की योजना को अपनाकर आय का अतिरिक्त स्त्रोत बना सकते है। सरकार की ओर से फसल अवषेष प्रबन्धन की महत्वपूर्ण योजना क्रियान्वित की जा रही है। जिसके अन्तर्गत नूंह जिले के गांव स्तर पर किसानों को फसल अवशेषों के उचित प्रबन्धन के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों सुपर सीडर, जीरो टिलेज मशीन, स्ट्रा चोपर, हैपी सीडर एवं रिवर्सिबल प्लो मशीनों पर अनुदान पर दिया जा रहा है।
उपायुक्त ने कहा कि फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के दृष्टिगत माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इन दिशा-निर्देश के अनुसार फसल अवशेष जलाने पर जुर्माना वसूल किए जाने का प्रावधान है। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी खण्ड कृषि अधिकारी एवं उप मण्डल कृषि अधिकारी तथा सहायक कृषि अभियन्ता, नूंह से सम्पर्क कर सकतें है।