होडल सत्ती सरोवर पर किसान मजदूर कर्मचारी ने की महा पंचायत कहा सरकार को वोट से देगे जवाब 

0

City24news/हरिओम भारद्वाज
होडल | लम्बित मुद्दों के समाधान ना होने तथा लगातार जनविरोधी नीतियों के आगे बढ़ाने से नाराज़ किसान,मजदूर,कर्मचारी व रिटायर्ड कर्मचारी विधानसभा चुनाव में सरकार को वोट की ताकत से जवाब देंगे।किसान नेता धर्मवीर भुलवाना की अध्यक्षता में आयोजित किसान-मजदूर महापंचायत में यह फैसला करते हुए गांवों में अभियान चलाया जाएगा।ऐतिहासिक सत्ती सरोवर पर आयोजित पंचायत का संचालन किसान सभा के सचिव रमन पंखिया ने किया।पंचायत में किसान सभा के जिला सचिव दरियाब सिंह,रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान बिधूसिंह,सीआईटीयू के नेता रमेशचन्द,सर्वकर्मचारी संघ के प्रधान देवेंद्र नम्बरदार व आशा वर्कर यूनियन की ज़िला कमेटी की नेता ममता सौरौत विशेष रूप से शामिल रहे।पंचायत में बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान व महिलाएं शामिल हुईं। पंचायत उपस्थित किसान मजदूर व महिलाओं को सम्बोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेन्द्र सिंह चौहान,धर्मचन्द व भगीरथ बैनीवाल ने बताया कि कृषि क़ानूनों के रद्द होने के बाद किसानों ने भी अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।केन्द्र सरकार सरकार ने आंदोलन के दवाब में किसानों को न्यूनतम  समर्थन मूल्य की गारंटी देने का वादा किया था तथा इसके साथ ही किसानों की कुछ और मांगों को भी पूरा करने का वादा किया था।सरकार की ओर से किसानों से बातचीत के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और पूर्व कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा की कमेटी बनाई गई थी। लेकिन कमेटी द्वारा कई दौर की वार्ता करने के बाद भी किसानों के मुद्दों को हल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज़ माफ़ी भी एक बड़ा मुद्दा है मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का बैंक लोन माफ किया है।दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने इस वर्ष रिकार्ड 2.11 लाख करोड़ रुपये का लाभांश केंद्र सरकार को दिया है।इसके बावजूद किसानों का एक रुपये का भी कर्ज माफ नहीं किया गया है।हरियाणा सरकार किसानों और मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना चलाती है। इस योजना के तहत कृषि मशीनरी के प्रयोग के दौरान किसानों और खेतिहर मजदूरों के घायल होने या उनकी मौत होने पर आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत किसान या मजदूर की मौत होने पर आर्थिक सहायता के तौर पर पांच लाख रूपए दिए जाते हैं। उन्होंने कहा की किसानों कि मांग है कि यह राशि पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख की जाएं।

होडल क्षेत्र के किसान क्षेत्रीय समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। हसनपुर, होडल रजवाहे और उनसे निकलने वाले माइनरों में किसानों की आवश्यकता पर कभी पानी उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। राजवाहे में पानी नहीं आने से भू जल स्तर भी गहरा और खारा होता जा रहा है। होडल मंडी में सरसों और बाजरे का ख़रीद केन्द्र नहीं होना, मंडी में जल भराव की समस्या सहित कई क्षेत्रीय समस्याएं हैं जिनका निराकरण होना बहुत ही जरूरी है तथा हरियाणा विधानसभा चुनावों में किसान अपने इन मुद्दों को ध्यान में रखकर ही वोट करेगा। नेताओं ने बताया कि पिछले दस वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे स्कीम वर्कर व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों व कर्मचारियों की जायज़ मांगों को सरकार लगातार अनसुना कर रही है।सरकार अपने जेबी संगठनों से बातचीत करके सभी वर्गों में फूट डालने का षड्यंत्र करती है लेकिन मांगों को लागू नहीं करती है।इसके ठीक विपरीत प्रदेश सरकार ने संघर्ष करने वाले सभी वर्गों के ऊपर लाठियां चलवाकर पुलिसिया दमन करते हुए आंदोलनों को कमजोर करने का भी षड्यंत्र किया है पंचायत में किसान नेता राजेंद्र नम्बरदार, डा रघुबीर,ताराचन्द,महाराम एडवोकेट,बलजीत शास्त्री,चन्दन डराना,कर्मचारी नेता गोविंदराम,हरकेश सौरौत,उदयवीर,कुसुमलता,विजेंदर विशिष्ट व ओमवती ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *