आईएमटी रोजका मेव के लिए 9 गांवों के किसानों की अधिग्रहण की गई

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | आईएमटी रोजका मेव के नौ गांवों के किसानों की जमीन के मुआवजे को लेकर गुरुवार को हजारों किसान और महिलाएं अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे, जहां उनके बीच हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के नेता रवि आजाद पहुंचे। इस दौरान किसान नेता ने कहा कि 2010 में कांग्रेस की सरकार में रोजका मेव सहित नौ गांवों की 1600 एकड़ जमीन को आईएमटी रोजका मेव के लिए अधिग्रहण किया गया था। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था। लेकिन उसके बाद सरकार ने मच्छगर, रेवासन और चंदावली गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया गया था। लेकिन वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। 

वही जब इन नौ गांवों के किसानों को पता चला कि तीन गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।

 जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए ताकि वह कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे। 

लेकिन आज तक भी किसानों को उनके पैसे नहीं दिए गए हैं।

किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार ने किसानों के एफिडेविट लेकर उनके साथ धोखा किया और अब भाजपा सरकार भी उनकी नहीं सुन रही है।

जिससे किसानों को उनका ना तो 25 लाख रुपए प्रति एकड़ मिला है और ना ही उन्हें रॉयल्टी भी समय पर नहीं मिल रही है।

गुरुवार को किसान नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि जो उनसे एफिडेविट कराए गए हैं। उनको तत्काल रद्द किया जाए और उन्हें ब्याज सहित राशि दी जाए, ताकि उनका पूरा मुआवजा मिल सके।

 उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करते हुए कहा कि जब तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चलता रहेगा, जब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 9 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल मेवात आ रहे हैं। इस दौरान जिला प्रशासन किसानों की बातचीत मुख्यमंत्री से कराए और उनके इस मसले को हल कराए ताकि किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा मिल सके। अन्यथा उनका धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन चलता रहेगा

किसानों ने कहा कि अगर सरकार और जिला प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आज बनाई गई किसानों की कमेटी कड़े निर्णय लेने को मजबूर होगी, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

इस दौरान गुरुवार को धरना प्रदर्शन पर जिला प्रशासन की ओर से नूंह के एसडीएम अश्वनी कुमार पहुंचे और किसानों ने उनको ज्ञापन देते हुए उनकी बात को सीएम तक पहुंचाने की मांग की।

एसडीएम अश्वनी कुमार ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है और मांग कि है कि इन गांवों के लोगों को मच्छगर और चंदावली के तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। इतना ही नहीं आर एंड आर पॉलिसी के तहत किसानों को 6500 रूपए गज के हिसाब से प्लाट दिए जाएं। गांव में कब्रिस्तान व श्मशान घाट, ईदगाह ,स्टेडियम तालाब, सार्वजनिक कार्यों के लिए उचित जगह छोड़ी जाए।

 गांव से गांव को जोड़ने का रास्ता दिया जाए, रोजका मेव में लगने वाले औद्योगिक में नौ गांवों को 33% आरक्षण दिया जाए।

 आईएमटी में होने वाले विकास कार्य में स्थानीय ग्राम वासियों को भागीदारी दी जाए। आईएमटी में लगने वाले बिजली घर 220 केवी सबस्टेशन में अन्य सब स्टेशनों का लाभ नौ गांवों को दिया जाए और गरीब परिवारों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100-100 गज के प्लाट दिए जाएं और भूमि मालिकों की बकाया रॉयल्टी वार्षिक समय पर दी जाए।

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