पीपीपी धारक परिवारों को बेसहारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं में अब मिलेगी त्वरित वित्तीय सहायता : उपायुक्त अखिल पिलानीे

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City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानीे ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य के आमजन की सामाजिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए “दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय परिवार सुरक्षा योजना–II (दयालु-II)” लागू कर दी है। यह योजना उन परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, जिनके सदस्य बेसहारा, पालतू या जंगली पशुओं—जैसे गाय, सांड, बैल, कुत्ता, नीलगाय, भैंस तथा अन्य छुट्टा पशुओं—द्वारा हुई दुर्घटना में घायल, विकलांग या मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इस योजना का लाभ हरियाणा के सभी पीपीपी धारक परिवारों को उपलब्ध होगा।

उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना, गंभीर चोट, स्थायी विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर उन्हें त्वरित राहत सुनिश्चित करना है। यह सुविधा केवल उन घटनाओं पर लागू होगी जो 5 सितंबर 2025 के बाद घटित हुई हों। हरियाणा का कोई भी PPP धारक परिवार इसका लाभ ले सकता है, जबकि 1.8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार दयालु-I या दयालु-II में दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। कुत्ते के काटने की घटनाओं में दावा तभी मान्य माना जाएगा जब घटना सार्वजनिक स्थान पर हुई हो तथा पीड़ित द्वारा जानवर को उकसाया न गया हो।

उपायुक्त ने जानकारी दी कि योजना के तहत आयु के आधार पर मृत्यु अथवा 70% से अधिक स्थायी विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी—12 वर्ष तक 1 लाख रुपये, 12–18 वर्ष के लिए 2 लाख रुपये, 18–25 वर्ष के लिए 3 लाख रुपये, 25–45 वर्ष वालों के लिए 5 लाख रुपये तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 3 लाख रुपये तय किए गए हैं। 70% से कम विकलांगता की स्थिति में सहायता राशि विधिक प्रावधानों के आधार पर निर्धारित की जाएगी, जिसकी न्यूनतम सीमा 10,000 रुपये रहेगी। सामान्य चोट पर 10,000 रुपये तथा कुत्ते के काटने पर प्रति दांत निशान 10,000 रुपये और त्वचा उखड़ने पर प्रत्येक 0.2 सेमी पर 20,000 रुपये सहायता दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि दावा घटना के 90 दिनों के भीतर पोर्टल https://dapsy.finhrv.gov.in पर दर्ज किया जा सकेगा। इसके लिए एफआईआर/डीडीआर, मेडिकल रिपोर्ट, अस्पताल रिकॉर्ड एवं घटना स्थल की तस्वीरें आवश्यक होंगी। भुगतान डीबीटी के माध्यम से पीपीपी में दर्ज बैंक खाते में भेजा जाएगा। यदि कोई गलत जानकारी दी जाती है तो दी गई सहायता राशि 12% ब्याज सहित वापस ली जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि सभी दावों की जांच एवं अंतिम निर्णय के लिए जिला स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, डीटीओ, सीएमओ और जिला सांख्यिकी अधिकारी शामिल हैं। समिति 120 दिनों के भीतर दावा निस्तारण का निर्णय लेगी तथा अनुमोदन के बाद 6 सप्ताह के भीतर सहायता राशि जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि शिकायतों के निवारण के लिए डिवीजनल कमिश्नर तथा हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के सीईओ को अधिकृत किया गया है, जो 30 दिनों के भीतर शिकायतों का निपटारा सुनिश्चित करेंगे। योजना से जुड़े विवादों का निपटारा सिविल कोर्ट में नहीं किया जा सकेगा। इस योजना की नोडल एजेंसी हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास रहेगी।

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