तावड़ू में 5.9 रिएक्टर पैमाने पर आए भूकंप से बचाव का किया अभ्यास।

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-तावड़ू में पांच स्थानों राजकीय महाविद्यालय, श्री श्याम गिरि गौ सेवा समिति ग्राम ढिढारा, पटौदी चौक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, मिनी सचिवालय भवन में किया गया भूकंप से बचाव का अभ्यास।
– जिला प्रशासन, एनडीआरएफ ने किया संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन
City24news/सुनील दीक्षित
नूंह | उपमंडल तावड़ू के एसडीएम जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को अभ्यास सुरक्षा चक्र के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। भूकंप आपदा पर आधारित एनडीआरएफ व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व अन्य हित धारकों के साथ संयुक्त अभ्यास उपमंडल तावड़ू में स्थित पांच स्थानों नामत: राजकीय महाविद्यालय, श्री श्याम गिरि गौ सेवा समिति ग्राम ढिढारा, पटौदी चौक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी व मिनी सचिवालय भवन परिसर में किया गया। 

 उपमंडल तावड़ू में मॉक ड्रिल की शुरुआत प्रात: 9 बजे हुई। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिला सचिवालय की अचानक आपातकालीन घंटी बजी और एनडीआरएफ सहित संबंधित विभागों को भूकंप आने की सूचना दी गई। भूकंप थमने के बाद संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी खुले स्थान पर एकत्रित हुए। इस दौरान एनडीआरएफ के बचाव दल के 25 कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसडीएम के दिशा-निर्देशानुसार एनडीआरएफ की टीम ने बचाव व राहत कार्य शुरू किए। इस दौरान कुछ लोगों के बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल में फंसे होने की जानकारी मिलने पर एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें एक महिला, उसके बच्चे सहित आधा दर्जन लोगों को सुरक्षित बचाया गया। 

 मॉक ड्रिल में बचाव दल ने कई लोगों को पीठ पर बैठाकर सीढ़ीयों से नीचे उतारा और गंभीर घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। एनडीआरएफ की टीम ने दीवार काटकर बिल्डिंग में फंसे हुए लोगों को निकालने व टेबल के नीचे छुपने का डेमो भी दिखाया। रेडक्रास के वॉलिंटियर्स ने आज की मॉक ड्रिल में सराहनीय भूमिका निभाई। 

 एसडीएम ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा की स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत करवाया गया। इस मॉक ड्रिल का मकसद भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के समय जान-माल के नुकसान से बचाना था। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की शुरुआत स्वयं से शुरू करनी होगी तथा जन-जन को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक होना होगा। जिला नूंह भूकंप जोन-4 में आता है। एनडीआरएफ की टीम पिछले कुछ दिनों से आई हुई है, जो स्कूलों के अलावा गांवों में जाकर लोगों को भूकंप के बारे में जागरूक कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल में 5.9 रिएक्टर पैमाने का भूकंप दर्शाया गया था। प्रात: 9 बजे सायरन बजते ही रेस्क्यू आप्रेशन शुरू किया गया। इस पैमाने पर भूकंप आने पर क्या नुकसान हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए यह मॉक ड्रिल की गई। आपदा के समय सबसे बड़ी गलती लोग यह कर लेते हैं कि आनन-फानन में लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। जबकि ऐसे हालात में कभी भूलकर भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमेशा सीढियों का इस्तेमाल करना चाहिए। सबसे जरूरी यह है भूकंप आते ही बहुमंजिला इमारतों से तुरंत बाहर आ जाना चाहिए और दूर मैदान में खड़े होना चाहिए। यदि बिल्डिंग में हो तो किसी टेबल के नीचे हो जाना चाहिए। जिला प्रशासन की सभी टीम ने एनडीआरएफ के समन्वय से सक्रियता से अपना योगदान दिया व इस प्रकार की मॉक ड्रिल हमारे सुरक्षा प्रबंधों को अपडेट रखने में सहयोगी हैं। मेगा मॉक ड्रिल के दौरान एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि इंतजाम दुरूस्त पाए गए। एसडीएम ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस व प्रशासन के बीच आपसी समन्वय नजर आया और भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने में आज की तैयारी के अनुभव का लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर डीएसपी अभिमन्यु, तहसीलदार रीता ग्रोवर, नायब तहसीलदार गौरव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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