25 दिन बाद भी नहीं हुआ बागोत के युवक का अंतिम संस्कार

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केंद्रीय मंत्री पर लगाए पूर्व मंत्री को बचाने के आरोप. सप्ताहभर बाद घरबार छोडकर जंगल में जाने का किया ऐलान
बीती 13 दिसंबर को युवक ने किया था सुसाइड

City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
। कनीना खंड के गांव बागोत में निवासी 26 वर्षीय युवक मोहित द्वारा 13 दिसंबर 2024 को फांसी लगाकर आत्म हत्या करने के 25 दिन बाद मृतक के पिता कैलाश चंद ने मंगलवार को पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया। बागोत गांव में अपने घर पर आयोजित इस सम्मेेलन में पंहुचे पत्रकारों के सामने उन्हें विभिन्न पहलु रखे। जब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होती तब तक अपने पुत्र का अंतिम संस्कार नहीं करेगें। उन्होंने एक केंद्रीय मंत्री पर पूर्व मंत्री को बचाने के आरोप लगाए। देश के प्रधानमंत्री से उम्मीद जताते हुए न्याय की गुहार लगाई है साथ ही कहा है कि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे सात दिन बाद सपरिवार जंगल में निकल जाएगें तथा वापिस लौटकर नहीं आएगें। मृतक की माता ने कहा कि दो दिन में केस दर्ज नहीं होता है तो वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी। इसके अलावा कैलाशचंद ने कहा कि वह परिचार को बचाने बचाने के मूड में है।
ईधर शव का 14 दिसबंर को पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा दिया था। उसके बाद पिछले 25 दिन से शव एसडीएच कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। जिसमें संक्रमण की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। प्रबुध नागरिकों का कहना है कि उनके जीवन में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जिसके वारिश होते हुए मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। अन्यथा लावारिश अवस्था में मिलने वाले शव का 72 घंटे बाद प्रशासन द्वारा ससम्मान अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है।
मृतक के पिता कैलाशचंद 8 व्यक्तियों के विरूध कार्रवाई की मांग पर अडे हुए हैं। जबकि पुलिस प्रशासन इस संदर्भ में साक्ष्य उपलब्ध करवाने को कह रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों व गांव के मोजिजान लोगों तथा रिश्तेदारों द्वारा मृतक के पिता कैलाशचंद को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए समझाने के काफी प्रयास किए जा चुके हैं। लेकिन अभी तक मामला ज्यों का त्यों बना हुआ है। पुलिस कर्मचारी पूरे प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं।

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