चुनाव आयोग वोट चोरी पर सवालों का जवाब दे
समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद। वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी को लेकर विपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि SIR पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। चुनाव आयोग (EC) के सभी तर्कों को कोर्ट ने नकारा है। कल EC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की लेकिन ये नहीं बताया कि SIR इतनी हड़बड़ी में क्यों हो रहा है। इसको लेकर वो मौन थे।
गोगोई ने कहा कि EC ने कल राजनीतिक दलों पर सवाल उठाए। लेकिन जब विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं तो वे आरोपों का जवाब नहीं दे रहे और अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि EC ने ये नहीं बताया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 70 लाख वोटर्स, लिस्ट में कहां से आए। वोटिंग की सीसीटीवी को लेकर सवाल और महादेवपुर विधानसभा में 1 लाख फर्जी वोट को लेकर भी चुनाव आयोग ने जवाब नहीं दिया।
दरअसल, चुनाव आयोग ने रविवार को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल गांधी का नाम लिए बिना चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा था, ‘PPT प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं है। वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे।’
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा-
कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त का कठपुतली की तरह प्रदर्शन बेहद शर्मनाक था। चुनाव आयोग का काम विपक्ष पर हमला करना नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय से मैं आग्रह करूंगी कि आप अपने राजनीतिक आकाओं के पास वापस चले जाएं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव-
चुनाव आयोग ने कल बार-बार कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें शपथ पत्र के माध्यम से दें। 2022 में यूपी के चुनाव के वक्त जब अखिलेश ने ये कहा कि एसपी के समर्थकों के बड़े लेवल पर वोट काटे गए तो EC ने नोटिस दिया, जिस पर हमने 18 हजार हलफनामों के साथ आवेदन किया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
2024 में यूपी उपचुनाव में EC ने बीएलओ को बदल दिया। यादव और मुसलमानों को हटाकर दूसरे लोगों को रखा गया। दोनों सूचियां दी गईं। कहा गया कि यादवों मुसलमानों को जात के आधार पर हटाया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।