एनएचएम हड़ताल का असर: निजी एम्बुलैंस चालक मांग रहे मुंहमांगी रकम
बीके से सुभाष चौक तक 400 रुपये में जाएगी एम्बुलैंस, चलना है तो बताओ
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। पिछले सात दिनों से एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। वहीं इस हड़ताल का फायदा प्राइवेट वाहन चालक उठा रहे है। एम्बुलैंस से मरीजों को घर तक छोड़ने की एवज में चार सौ से हजारों रुपये तक की मांग की जा रही है। ऐसा ही शहर के बीके खान सिविल अस्पताल में देखने को मिला। यहां न तो मरीजों को बेहतर ईलाज मिल रहा है, न ही प्रर्याप्त दवाईया। ऐसे में अस्पताल से घर छोड़ने के एवज में निजी एम्बुलैंस चालक और आॅटो चालक मुंहमांगी रकम मांग रहे है। वहीं डिलीवरी हट सेंटरों पर ताला होने के कारण अस्पताल में अधिक संख्या में मरीज आ रहे है, ऐसे में यहां से अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता है, लेकिन रेफर होकर जाने वाले मरीजों को सरकारी एम्बुलेंस न मिलने के कारण निजी एम्बुलेंस व आॅटो चालकों के हाथों लूटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कर्मियों ने किया हवन : एनएचएम कर्मचारियों ने सांझा मोर्चा के बैनर तले चल रही हड़ताल का सातवें दिन भी जारी रही। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा सरकार और सरकारी अधिकारियों को सद्बुद्धि आए उन्हें 26 साल से कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों के प्रति कुछ दया आए कुछ भला करें वह कर्मचारियों का इसकी कामना करते हुए कर्मचारियों ने मिलकर फरीदाबाद जिले में हवन किया। पूरे विधि विधान के साथ मंत्र उपचार के साथ हवन पारंपरिक तरीके से किया गया। जिला प्रधान श्री धर्मेंद्र सिंह ने हवन के बाद निर्णय लिया गया कि तीन तारीख को सभी एनएचएम कर्मचारियों एक ट्रैक्टर ट्राली की रैली निकालेंगे, जिसमें आगे आगे ट्रैक्टर ट्रोलिस होगी पीछे सभी महिलाएं अपनी स्कुटियों पर होंग। यह रैली सुबह 10:00 बजे सरकारी अस्पताल बीके हॉस्पिटल से निकलकर विधायक सीमा तिरखा के घर जाएगी तथा वहां उनसे अपनी मांगों से बात करेग्ांी व उन्हें अवगत कराएगी की आने वाली 5 तारीख को विधानसभा में वह हमारी मांग जो की एनएचएम कर्मचारियों को रेगुलर करने की है उसे मांग कोजरूर उठाएं ताकि अगर हम रेगुलर हो गए तो हम अपने सभी वोट सरकार को ही देंगे और आने वाली विधानसभा में हम उन्हें रेगुलर कर सकें। इसके बाद सांसद कृष्णपाल गुर्जर, और दोपहर को दो बजे मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन देंगे।
सुभाष चौक तक चार सौ रुपये: नंगला इलाके में मौजूद सुभाष चौक पर रहने वाली शीला ने बताया कि उसके बेटे की पत्नी पूजा की डिलीवरी शहर के बादशाह खान सिविल अस्पताल में हुई है। पांच दिनों के बाद चिकित्सकों ने उसे सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी, ऐसे में उन्होंने जच्चा-बच्चा को घर तक छोड़ने के लिए अस्पताल में एम्बुलैंस की मांग की, लेकिन 112 में बताया कि एम्बुलैंस नहीं है कर्मचारी हड़ताल पर है। ऐसे में उन्होंने निजी एम्बुलैंस के लिए बात की तो उन्होंने बीके से सुभाष चौक तक छोड़ने की एवज में 400 रुपये मांगे। ऐसे में मजबूरन उन्हें 400 रुपये देकर जच्चा-बच्चा को घर ले जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। डबुआ कालोनी में टेलर का काम करने वाले अरूण का किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आने से पैर खराब हो गया। ऐसे मे आस-पड़ौस के लोग उसे आॅटो से लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां अरूण के लिए स्टेÑचर भी नसीब नहीं हुआ, एक मरीज को बिस्तर पर लेटाकर परिजनों ने स्ट्रेचर खाली करवाया।
डिस्पेंसरी में हड़ताल, बीके आए :
आॅटोपीन झुग्गी से आई गर्भवती ने बताया कि तेज प्रसव पीड़ा होने पर वह मुजेसर स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में गए थे, लेकिन वहां हड़ताल के कारण पिछले कुछ दिनों से डिस्पेंसरी बंद बताई गई। जिस पर वह आॅटो से बीके आई है, ऐसे में आॅटों से आने में काफी परेशानियां बढ़ गई। हड़ताल की वजह से एम्बुलैंस नहीं मिल रही है। मरीज चक्कर काट रहे है, यहां कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं गर्भवती शलीनी ने बताया कि वह बदरपुर से आई है, आॅटो से आना पड़ा।
ओपीडी में बढ़ी भीड़
डिस्पेंसरियों की हड़ताल के कारण शहर के सबसे बड़े बादशाह खान सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से किसी तरह के कोई विशेष प्रबंध नहीं किए गए है। पिछले सात दिनों से जहां लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ महिला रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बाहर भीड़ बढ़ गई है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक मरीज परेशान है।