शिक्षा विद्यार्थियों का आभूषण है, यह जीवन जीने की कला सिखाती है: कृष्णपाल गुर्जर

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सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिकोत्सव में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल का वार्षिक उत्सव विद्यालय के निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना व प्रधानाचार्य श्रीमती शुभ्रता सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि गण मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर,विधायक धनेश अदलखा,विधायक सतीश फागना,कुलदीप सिंह डीसीपी एनआईटी,संजय कुंडू पूर्व डीजीपी हिमाचल प्रदेश,महेश कुमार (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज गुरुग्राम), मुकेश शर्मा (मेंबर जिला कंज्यूमर मेंबर डिस्प्यूट  कंज्यूमर  रिड्रेसल कमिशन फरीदाबाद) का पुष्पगुच्छ ,प्लांटर,शोल एवं स्मृति चिन्ह देखकर स्वागत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथियों एवं अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए विद्यालय के  चैयरमेन डी .पी. भड़ाना ने कहा कि लक्ष्य  तय करके ही विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। जिसका लक्ष्य निर्धारित नहीं होता उसे मंजिल नहीं मिलती है। इसलिए लक्ष्य के साथ कठिन परिश्रम कर पढ़ाई की जाए तो सफलता स्वत: ही मिल जाती है।
विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई। बच्चों  ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांध दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में चक दे इंडिया, कोली मराठी नृत्य, पंजाबी ,गुजराती, वेस्टर्न डांस ,आज फटे चक दे पर बच्चों ने बेहतरीन डांस प्रस्तुत कर लोगों की खूब तालियां बटोरी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने वास्तविक घोड़े पर चढक़र शानदार नृत्य प्रदर्शन किया। मिशन मंगल व सलाम इसरो आदि नृत्य के माध्यम से आधुनिक भारत की उपलब्धियों को दर्शाया गया। कार्यक्रम की थीम युगांतर को दिखाते हुए बच्चों ने विभिन्न नृत्य व नाटिकाओं के द्वारा विकसित भारत को दर्शाया। मंच का संचालन कक्षा 12वीं की छात्राओं टीया भड़ाना, यशस्वी जैन कक्षा ग्यारहवीं के छात्र नमन अरोड़ा ,रजत कांगड़ा व आयुष आनंद के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षा विद्यार्थियों का आभूषण है। यह विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला सिखाती है व उसके सर्वांगीण विकास की धूरी है। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संस्कृति ,देशप्रेम  व सेवा भावना की शिक्षा देने का आग्रह किया। उन्होनें कहा कि विद्यालय ऐसा स्थान है जहां भावी भारत का निर्माण होता है। यहीं से बच्चे आगे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भारत को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ बच्चे को अच्छे संस्कार भी देने चाहिए। संजय कुंडू पूर्व डीजीपी हिमाचल प्रदेश ने बताया कि बच्चों को समय का सदुपयोग करना चाहिए । किताबी शिक्षा  के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। जो बच्चे आगे नहीं आ पाते शिक्षक को उन बच्चों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। विद्यालय के मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भडाना ने सभी अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार प्रकट करते  हुए कहा कि अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रूप देते हैं ।समाज को शिक्षित एवं संस्कारीत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि परिवारों के बढऩे के साथ-साथ उनकी युवा पीढ़ी को संस्कारीत एवं सकारात्मक मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शुभ्रता सिंह ने सभी अतिथियों व अभिभावकों का अभिनंदन किया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिस प्रकार रंगोली विभिन्न प्रकार के रंगों से बनी होती है उसी प्रकार से हमने अपने इस कार्यक्रम के जरिए भारत के विभिन्न राज्यों के नृत्यों के माध्यम से विद्यार्थियों के अंदर भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिया है। विभिन्न प्रस्तुतियों के  माध्यम से विकसित भारत को दर्शाया गया है।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय  की हेडमिस्ट्रेस श्रीमती फाल्गुनी मुखर्जी ने सभी अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता व सांस्कृतिक का ज्ञान होना भी जरूरी है ताकि बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके।

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