पलवल में अर्थ मूवर्स एसोसिएशन की चेतावनी
1 फरवरी से मिट्टी उठाने का कार्य बंद करेंगे; माइनिंग और भूगर्भ विभाग से अलग करने की मांग
city24news@ऋषि भारद्वाज
पलवल में ऑल हरियाणा अर्थ मूवर्स एसोसिएशन ने मिट्टी उठाने के कार्य को माइनिंग व भूगर्भ विभाग से अलग करने की मांग को लेकर मंगलवार को सुबह हुडा चौक के समीप हुई बैठक की। एसोसिएशन ने बैठक में सरकार के नए कानून को लेकर रोष व्यक्त करते हुए निर्णय लिया कि एक फरवरी से मिट्टी उठाने का कार्य बंद कर दिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के नेता आनंद तोमर ने की। बैठक को संबोधित करते हुए आनंद तोमर ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले माइनिंग विभाग की कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी, जिसके बाद सरकार ने मिट्टी को माइनिंग के अधीन ला दिया है। उन्होंने कहा कि मिट्टी उठाने व डालने का कार्य किसान व मजदूर करते हैं। कुछ लोग ट्रैक्टरों द्वारा यह कार्य करते हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती है। मिट्टी उठाने से कोई भी कार्बन उत्सर्जन नहीं होता और न ही मिट्टी उठाने के लिए ब्लॉस्ट किए जाते हैं।
माइनिंग विभाग परेशान करने का आरोप उन्होंने कहा कि माइनिंग विभाग उन्हें बेवजह परेशान कर रहा है। इस कारण मिट्टी के कार्य से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी का खतरा पैदा हो गया है। लाखों परिवार खेतों से मिट्टी उठाने के कार्य से जुड़े हैं। किसान पानी तथा अन्य समस्याओं के चलते अपने खेत को समतल करवाने के लिए मिट्टी उठवाता है। अगर किसी के पास अनुमति नहीं है तो माइनिंग विभाग भारी भरकम जुर्माना लगाता है। जिसके डर से कोई खेत से मिट्टी नहीं उठा पा रहा है। किसान अपनी मर्जी से अपने खेत को समतल नहीं करवा सकता। यदि किसान अपनी मर्जी से ऐसा करता है तो माइनिंग विभाग उस पर पांच से 20 लाख रुपए तक जुर्माना लगा देता है। इस कारण किसान यह जुर्माना नहीं भर पाता और उसका ट्रैक्टर या अन्य वाहन जब्त हो जाता है। इसी कारण कोई व्यक्ति अपने प्लाट में मिट्टी नहीं डलवा पा रहा।
इस कार्य को इस विभाग से अलग किया जाए
उन्होंने कहा कि मिट्टी उठाने के कार्य पर कोयला खानों, पहाड़ खानों जैसे नियम लागू हैं, जोकि गलत हैं। इस कार्य को इस विभाग से अलग किया जाए। उन्होंने कहा कि वह सरकार के फैसले के विरोध में आगामी एक फरवरी से पलवल में मिट्टी उठाने का काम बंद कर देंगे।बैठक में मुख्य रूप से दिनेश सौरोत, महेंद्र डागर, सतीश छाबड़ी, अशोक बैंसला, सूरज चंदीला, रिंकू डागर व वेद अटारी सहित काफी संख्या में इस कार्य से जुड़े लोग मौजूद रहे।