एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से कई डिस्पेंसरियों पर लटके ताले

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एड्स कर्मचारियों ने भी शुरू की हड़ताल, दूसरे दिन एनएचएम कर्मियों संग बैठे

City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद | शहर के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में अनुबंध पर काम कर रहे एनएचएम के सभी कर्मचारी राज्य व्यापी हड़ताल में पिछले आठ दिनों से शामिल है, इसी कड़ी में अब एड्स कर्मचारियों ने भी हड़ताल शुरू कर दी है। उनकी हड़ताल का शुक्रवार को दूसरा दिन था। ऐसे में प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्रों व सिविल अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। जिले के कुछ स्वास्थ्य केन्द्रों पर ताला लटका मिला। एम्बुलेंस चालक भी हड़ताल में शामिल रहे। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में हड़ताल का असर देखने को मिला। केन्द्रों पर डिलीवरी को आई गर्भवती महिलाओं व मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं बीके सिविल अस्पताल के प्रसुति वार्ड और बच्चों की नर्सरी के अलावा कलर्क और डीईआईसी सेंटर में भी स्टाफ की कमी नजर आई। वार्ड में नर्सो का कार्य और बच्चों की नर्सरी में मेडिकल आॅफिसर की देखरेख में मेडिकल स्टूडेंट्स और रेगुलर स्टाफ ने काम किया। डीईआईसी सेंटर के कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से रूम खाली पड़े रहे। कर्मचारियों का कहना था कि उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती और वह शनिवार को यानि आज शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा समेत कृष्णपाल गुर्जर और मूलचंद शर्मा के निवास और दफ्तरों का घेराव करेंगे।

बीके अस्पताल में परिसर में जिलेभर में तैनात करीब सात सौ एनएचएम कर्मचारियों ने शुक्रवार को आठवें दिन भी हड़ताल जारी रखी। एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रधान और हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेशभर में एनएचएम के तहत अनुबंध पर करीब 18 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा सालों से काम कर रहे कर्मचारियों कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाता है। लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है। पिछले 26 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों की मांग है, कि सरकारी बैठक में पांच अगस्त को उन्हें पक्का करने की फाइल पास हो जाए, इसके लिए वह जिले के तीनों मंत्रियों के पास जाऐंगे, ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके। कर्मियों की हड़ताल का असर अस्पताल व केन्दों के जच्चा-बच्चा वार्ड में देखने को मिला। कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिली।

एड्स कर्मी भी बैठे हड़ताल पर: जिले में करीब सात सौ कर्मचारियों में से 97 प्रतिशत हड़ताल पर रहे। वहीं एड्स कर्मियों ने भी एक अगस्त से हड़ताल शुरू कर दी है, दूसरे दिन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने मांग की, कि उन्हें भी एनएचएम कर्मियों की तरह ही सम्मान मिले, उनका कहना था कि जब सरकार काम बराबर ले रही है, तो उन्हें वेतन भी सम्मान उपलब्ध करवाया जाए। कर्मियों की हड़ताल के कारण जहां एचआईवी के कुछ केन्द्र खुले थे, वह भी अब पूरी तरह से बंद हो गए। जिसके कारण केन्द्रों पर ताले नजर आए। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग मरीज परेशान थे। हड़ताल के कारण बंद स्वास्थ्य केन्द्रों से लोगों को लौटते हुए देखा गया। बीके अस्पताल में अन्य दिनों के मुकाबले अधिक संख्या में इलाज को मरीज पहुंचे। वहीं एम्बुलेंस चालक भी इस हड़ताल में शामिल रहे। जिसके कारण जिले में मरीजों को एम्बुलेंस सेवाओं से वंचित रहना पड़ा।

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