ठंड के कहर से, पशुओं में दूध देने की क्षमता में आई कमी

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ठिठुरती ठंड से बचाव के लिए अलाव बना सहारा

city24news@सुनील दीक्षित
कनीना | शुक्रवार को क्षेत्र में कडाके की ठंड का प्रकोप रहा। दिनभर सूरज नहीं निकला। जिससे सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त रहा। बता दें कि पिछले पखवाड़ेभर से समूचा उत्तर भारत कडाके की ठंड की चपेट में है। जिससे आम जनमानस कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। पौष मास कृष्ण पक्ष के प्रारंभ से ही ठंड ने तेवर दिखाने शुरू किए थे जो अभी तक लगातार बने हुए हैं। अत्यधिक ठंड से दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता में 10-20 फीसदी तक कमी आई है। हालांकि ग्रामीणजन पशुओं को ठंड से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ठिठुरती ठंड के मारे घरों में दुबके ग्रामीण जरूरत होने पर ही ग्रामीण घरों से निकलने पर मजबूर रहे। ठंड के चलते रोजमर्रा की जिंदगी ठहर गई थी जो धूप खिलने के बाद लौटने लगी है। अत्यधिक ठंड रबि फसलों के लिए यह वरदान साबित हुई है। सरसों एवं गेहूं की फसल को भरपूर लाभ मिला है। सर्दी से बचाव के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के नागरिक अलाव जलाकर सर्दी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र में धुंध कोहरा सहित शीतलहर से ठंड अधिक महसूस की गई है। बृहस्पतिवार को कनीना क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री व अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक्यूआई 319 दर्ज किया गया जिसे वेरी पूअर माना गया है। कृषि विभाग के एडीओ डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि बढी हुई ठंड से रबि फसलों को फायदा हुआ है। सप्ताहभर तक मौसम ठंड वाला बने रहने का अनुमान है।

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