सावन-भादो माह में हुई झमाझम बारिश से दक्षिण हरियाणा में भू-जल स्तर 30 फुट तक बढा

-जून से सितंबर माह तक हुई 1062 एमएम बारिश
-सड़कें धुलने के साथ-साथ खरीफ फसलों में बनी नुकसान की संभावना
-पीडित किसानों के लिए सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | सावन-भादो मास में हुई झमाझम बारिश के बाद सूखे समझे जाने वाले दक्षिण हरियाणा में भू-जल स्तर 20 से 30 फुट बढ़ गया है। कुओं में जल स्तर बढने से किसानों द्वारा 20 फुट के पाइप निकाले गए हैं। अत्यधिक व लंबे समय बारिश होने के कारण रवि फसल की बढ़िया पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वायुमंडल में नमी तथा धरती पर जगह-जगह पानी जमा होने के चलते सर्दी की शुरुआत भी समय से पहले तथा अधिक मानी जा रही है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक फिलहाल बारिश की संभावना कम है जिससे मौसम शुष्क बना रहेगा। मौसम विभाग रेन फाल कीपर ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने बताया कि 14 जून से लेकर अब तक 1062 एमएम बारिश हो चुकी है। जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसदी से कहीं अधिक है। उन्होंने बताया कि जून माह में 88 एमएम, जुलाई माह में 574 एमएम, अगस्त माह में 301 तथा छह सितंबर तक 99 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
इन तिथियों को हुई बारिश
कनीना क्षेत्र में देखा जाए तो 14 जून को 11 एमएम बारिश रिकॉर्ड की थी उसके बाद 17 जून को दो एमएम, 18 जून को 54 एमएम, 20 जून को 21 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। एक जुलाई को 27 एमएम, 4 जुलाई को 5 एमएम, 7 जुलाई को 37 एमएम, 9 जुलाई को 127 एमएम, 10 जुलाई को 91 एमएम, 11 जुलाई को 64 एमएम, 13 को 27 एमएम, 14 को 17 एमएम, 15 को 21 एमएम,16 को 4 एमएम, 17 को दो एमएम, 23 को 9 एमएम, 29 को 74 एमएम, 30 को 10 एमएम, 31 को 59 एमएम बारिश हुई।
एक अगस्त को 37 एमएम, 2 को 9 एमएम, 10 को 9 एमएम,15 को 11 एमएम, 17 को 4 एमएम, 18 को 4 एमएम, 19 को 34 एमएम, 24 को 93 एमएम,25 को 68 एमएम, 26 को 5 एमएम,27 को 22 एमएम,31 को 5 एमएम बारिश हुई। सितंबर माह में एक सितंबर को 30 एमएम, 2 को 14 एमएम, 3 को 4 एमएम, 4 को दो एमएम, 6 को 49 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। बारिश का सर्वाधिक फायदा रबि फसल बुवाई के लिए किसानों को होगा।
बारिश से सड़कें धुली
बारिश का पानी जमा होने से महेंद्रगढ़ जिले के लगभग सडक मार्ग धुल गए हैं। जिनमें बने गड्ढे सडक हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। कनीना-महेंद्रगढ़ स्टेट हाईवे-24 कनीना से लेकर बुचावास 152डी तक जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। कनीना-अटेली, दादरी, कोसली, रेवाडी मुख्य मार्गों सहित गुढा, पाथेडा, ककराला सहित अन्य मार्ग भी खंडित हो गए हैं। गुढा बस स्टैंड व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के गेट के समीप तथा रेलवे अंडर ब्रिज 89 से गुजरने वाले कच्चे की दुर्दशा हो गई है।
खरीफ फसल को नुकसान
उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ अजय यादव ने बताया कि कनीना विकास खंड में करीब 33 हजार हेक्टेयर जमीन में से अनुमानित 20484 हेक्टेयर में बाजरा, 8114 में कपास, 674 में हरा चारा, 116 में ग्वार सहित अरहर, तिल आदि की खेती की गई है। ज्येष्ठ माह में बिजाई किये गए बाजरे सहित कपास की फसल में नुकसान हुआ है। भारी बारिश पानी जमा होने से बाजरे में पुनः फुटाव हो गया तो कपास काली पड गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है जिस पर किसान फसल खराबे की जानकारी दे सकते हैं। 15 सितंबर तक यह पोर्टल खुला रहेगा। दूसरी ओर मौसम साफ होते ही किसान खेतों में पहुंचकर बाजरे की कटाई कर भंडारण में जुट गए हैं। बाजरे की अगेती फसल में सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
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कनीना-मौसम साफ होने पर खेतों में कार्य करते किसान-मजदूर।