अत्यधिक बारिश के चलते बाजरे व कपास की फसल हुई तबाह


-चिंतित किसान खराब हुई फसल को देखकर बहा रहे अश्रुधारा
-पीडित किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल ओपन कर सरकार से मांगा मुआवजा
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना क्षेत्र में पिछले तीन दिन में हुई 50 एमएम बारिश का पानी सडक से लेकर खेतों तक जमा हो गया है। आईएमडी के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिले में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश का कहर जारी है। पिछले दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश से क्षेत्र में उन्नति का प्रतीक समझी जाने वाली बाजरे तथा कपास की फसल पूरे सब डिवीजन में नष्ट हो गई है। कपास के खेतों में बारिश का अत्यधिक पानी जमा होने से काली पड गई है तो बाजरे में पुर्न फुटाव होने से किसानों को मोटा नुकसान हो गया है। जिसे देखकर किसान अश्रुधारा बहा रहे हैं। पीड़ित किसानों ने नरेंद्र कुमार, सुखबीर सिंह छितरौली, सत्यवीर सिंह, रतिराम रामबास, शिवकुमार, मोतीलाल खेड़ी तलवाना, अमर सिंह, राजेंद्र कुमार गुढा, विनोद कुमार, संतलाल भोजावास, राजीव, मनीष कुमार बव्वा ने बताया कि ज्येष्ठ मास में बिजाई किये गये बाजरे व कपास फसल की बंपर पैदावार की उम्मीद थी। लेकिन लगभग लगातार हो रही बारिश ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है। अत्यधिक बारिश से सारी-की-सारी फसल बर्बाद हो गई। हालांकि बारिश के दौरान किसान खेतों में रहकर कार्य करने में जुटा हुआ है लेकिन बाजरे के पुनः अंकुरित होने से पैदावार पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। कपास की फसल भी पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।
कनीना के उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ अजय यादव ने बताया कि कनीना ब्लाक में करीब 33 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से करीब 20484 हेक्टेयर में बाजरा, 8114 में कपास, 674 में हरा चारा, 116 में ग्वार सहित अरहर, तिल आदि की खेती की गई थी। जिसमें से 75 फीसदी तक नुकसान का अनुमान है। उन्होंने बताया कि अभी बारिश की संभावना बनी हुई है।
निचले स्थानों पर हुआ जलभराव
बारिश के पानी से अटेली मोड, बस स्टैंड, गाहडा रोड, गुढा बस स्टैंड सहित विभिन्न निचले स्थानों की हालत भी दयनीय बन गई है। पानी जमा होने से खंडित हुए सडक मार्गों पर हादसों की संभावना बन रही है। कनीना में लोक निर्माण विभाग द्वारा बीते वर्ष सडक के दोनों ओर बनाए गए नाले तक दुकानदारों द्वारा मिट्टी डाले जाने से भी सडक पर जलभराव हो रहा है। जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों ने उपमंडल एवं नगरपालिका प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगाई है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट-एसडीएम
कनीना के एसडीएम डॉ जितेंद्र सिंह अहलावत ने कहा कि सरकार की हिदायत अनुसार भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों को खराब हुई फसल का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल को भी जल्द ओपन किया जा सकता है।
कनीना-बारिश में खेतों में काम करते किसान, खेतों में जमा पानी की बीच पड़ी बाजरे की फसल तथा ढेरी में पुनः फुटाव हो चुके बाजरे का दृष्य।
