अग्रवाल कॉलेज में जालियांवाला बाग हत्याकांड पर दिखाई गयी डाक्यूमेंट्री

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City24news/सुमित गोयल
बल्लभगढ़ | अग्रवाल कॉलेज बल्लबगढ़ में जालियांवाला बाग हत्याकांड स्मृति दिवस – इतिहास का एक काला अध्याय किंतु स्वतंत्रता संग्राम का अनुस्मारक विषय पर डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के प्रधान एवं अग्रवाल महाविद्यालय अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता, महासचिव एडवोकेट  दिनेश कुमार गुप्ता एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ० संजीव गुप्ता के संरक्षण में महाविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी श्रृंखला में जालियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० संजीव कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि जालियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है

और जलियांवाला बाग हत्याकांड ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। इसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की क्रूर प्रकृति को उजागर किया और व्यापक निंदा को जन्म दिया।

कार्यक्रम की संयोजिका व सोशल साइंस फोरम की कन्वीनर डॉ० सुप्रिया ढांडा ने विद्यार्थियों को बताया कि

जलियाँवाला बाग हत्याकांड, 1919, भारतीय इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है। यह त्रासदीपूर्ण घटना 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन पंजाब के अमृतसर में घटी थी। इस हत्याकांड ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर अमिट छाप छोड़ी। जनरल रेजिनाल्ड डायर के आदेश के तहत ब्रिटिश सैनिकों द्वारा जलियांवाला बाग में एकत्रित हजारों निर्दोष लोगों को बेरहमी से मार डाला गया और घायल कर दिया गया। डॉ० सुप्रिया ने बताया कि आधिकारिक ब्रिटिश रिपोर्ट में लगभग 379 मौतों और 1200 से अधिक घायलों का दावा किया गया था, लेकिन अनाधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक थी और अनगिनत घायल हुए। बाग के संकरे रास्ते और ऊंची दीवारों ने लोगों को फंसा दिया जिससे भागना लगभग असंभव हो गया। गोलियों से बचने के लिए कई लोग बाग के अंदर स्थित एक कुएं में कूद पड़े।

सोशल साइंस फोरम के सदस्यों डॉ ऋतु, डॉ पूजा सैनी, डॉ इनायत और डॉ रेनू माहेश्वरी के प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल एवं सार्थक रहा। डाक्यूमेंट्री के अंत में विद्यार्थियों ने अपनी कविताओं और भाषण प्रस्तुति से शहीदों की वीरता एवं बलिदान को नमन किया।

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