नगीना से अयोध्या के लिए चलाई सीधी बस सेवा

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तीर्थंकर भगवान 1008 ऋषभदेव व भगवान श्री रामप्रभु की जन्मस्थली अयोध्या के लिए नगीना से चलाई जाए बस सेवा
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह| जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान1008 ऋषभदेव की नगरी व जन्मस्थली आस्था व श्रद्धा का प्रतीक अयोध्या के लिए कस्बा नगीना से सीधी बस सेवा चलाने की मांग पुनः जोर पकड़ने लगी है। सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन “नगीना” व नितिन दुबे ने संयुक्तरुप सेब बताया की तीर्थंकर ऋषभदेव की नगरी अयोध्या भगवान श्री राम प्रभु की भी जन्मभूमि है। इसलिए इसका जीवमात्र के प्रति महत्त्व अत्याधिक है ।अयोध्या के प्रति जनमानस में धार्मिक, सामाजिक, आस्था, निष्ठा, समर्पण, श्रद्धा,भक्ति भाव से जुड़ा हुआ है।अयोध्या नगरी जाकर हर व्यक्ति तीर्थंकर1008 भगवान ऋषभदेव व भगवान श्री राम प्रभु की जन्म भूमि के दर्शन कर पुण्यार्जन कर अपना जन्म सफल करना चाहता है ।

   जैन धर्म का अयोध्या से है गहरा नाता :-रजत जैन ने बताया की जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से पांच तीर्थंकरों की जन्मस्थली पावन पवित्र पुण्य धर्म नगरी अयोध्या है। जिसकी वजह से जैन धर्म का भी अयोध्या से गहरा नाता है। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से प्रथम तीर्थंकर भगवान 1008 ऋषभदेव, दूसरे तीर्थंकर भगवान 1008 अजीत नाथ, चौथे तीर्थंकर भगवान 1008 अभिनंदन नाथ, पांचवें तीर्थंकरभगवान1008 सुमति नाथ , 14 वे तीर्थंकर भगवान 1008 अनंतनाथ का जन्म अयोध्या में हुआ था। जिसकी वजह से जैन धर्म के अनुयायी पावन पवित्र पुण्य सम्मेद शिखर जी के समान ही अयोध्या नगरी भी सदैव से उनके लिए परम सम्मानीय,आदरणीय,आस्था श्रद्धा, निष्ठा,के साथ पूजनीय है।

 तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र के नाम से पड़ा देश का नाम भारत:-रजत ने बताया की तीर्थंकर ऋषभदेव के ज्येष्ठ पुत्र चक्रवर्ती भरत के नाम से ही देश का नाम भारत देश पड़ा है।

अपने आराध्य देवों की जन्म भूमि व कर्म भूमि के दर्शन करना उनके जीवन की प्राथमिकता में सम्मिलित है और और इस पावन पवित्र भूमि के दर्शन कर अपना आत्म कल्याण कर सके। सामाजिक,धार्मिक आस्था के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए सरकार को तुरंत प्रभाव से नगीना से अयोध्या के लिए सीधी बस सेवा प्रारंभ करें। जिससे की भक्तजन सुगमता से अपने आराध्य देवों की जन्मभूमि व उनके दर्शन कर अपना आत्म कल्याण कर सके।

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