रवीन्द्रनाथ टैगोर की बहन थीं देविका रानी की दादी
City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा की पहली लेडी कहलाने वाली अभिनेत्री देविका रानी की 30 मार्च को 116वीं जन्म जयंती है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में काम किया जब महिलाओं को वहाँ काम करना असम्भव माना जाता था। इस समय, हीरोइनों के किरदार को महिलाओं ने ही पोर्ट्रेट किया। लेकिन देविका रानी ने इस ट्रेंड के खिलाफ उत्तर देते हुए न केवल फिल्मों में काम किया, बल्कि भारतीय सिनेमा की पहली हीरोइन बनीं। उन्होंने 1933 में फिल्म ‘कर्मा’ से अपना डेब्यू किया था।
देविका रानी 30 और 40 के दशक की सुपरस्टार थीं। वह रवीन्द्रनाथ टैगोर की रिश्तेदार थीं। दरअसल देविका रानी की जो दादी थीं, वह ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर की बहन थीं। 30-40 के दशक में फिल्मों में देविका का खूब जलवा था। देविका रानी ने टेक्सटाइल डिजाइनिंग में नौकरी शुरू की थी, पर उन्हें यह काम रास नहीं आ रहा था। इसलिए फिल्मों में आने का फैसला किया। साल 1928 में देविका की लंदन में हिमांशु राय से मुलाकात हुई। वहां वह अपनी एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। हिमांशु राय, देविका के काम करने के तरीके से प्रभावित हुए और अपने प्रोडक्शन हाउस में नौकरी दे दी।
देविका रानी ने एक के बाद एक कई फिल्में प्रोड्यूस कीं। उन्होंने ही दिलीप कुमार को फिल्मों में लॉन्च किया था। कुछ साल बाद देविका रानी ने दूसरी शादी कर ली। उन्होंने रूस के पेंटर Svetoslav Roerich से शादी की और फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर विदेश में बस गईं। साल 1993 में देविका रानी के दूसरे पति की मौत हो गई और फिर एक साल बाद 1994 में वह भी चल बसीं।(स्रोत: समाचार एजेंसी)