मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी होडल नगर में नहीं लगाया गया समाधान शिविर

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City24news/हरिओम भारद्वाज
होडल | प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी के निर्देशानुसार आमजन की प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए 22 अक्तूबर से नगर परिषद कार्यालयों में समाधान शिविरों के आयोजन करने के निर्देश दिए गए थे और परिषद के अधिकारियों को प्रॉपर्टी आईडी सम्बंधित समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने को कहा गया था, लेकिन होडल नगर परिषद के अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दिए। नगर परिषद कार्यालय में इस प्रकार का कोई भी समाधान शिविर नहीं लगाया गया। विभिन्न माध्यमों से सूचना मिलने के बाद परेशान उपभोक्ता उक्त कार्यालय में पहुंचे, लेकिन अधिकारियों के मौजूद नहीं मिलने के कारण उपभोक्ताओं को बैरंग लौटने को मजबूर होना पडा। हालांकि कहने को होडल नगर परिषद में प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित तीन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें तीनों शिकायतों का समाधान मौके पर ही समाधान किए जाने के दावे किए गए। जबकि सच्चाई यह है कि प्रॉपर्टी आईडी सही कराने के मामले को लेकर नगर परिषद कार्यालय में दर्जनों उपभोक्ता प्रतिदिन चक्कर काटने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों व पंचायतों में आमजन की शिकायतों का समाधान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है, जहां जन सेवाओं से जुड़ी समस्याओं का मौके पर ही समाधान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बिडम्बना यह है कि आमजन की प्रॉपर्टी आईडी व अन्य समस्याओं के समाधान के लिए नगर परिषद कार्यालय तथा स्वामित्व योजना से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए बीडीपीओ कार्यालय में इस प्रकार के शिविर अभी शुरु ही नहीं किए गए हैं। सरकार द्वारा प्रतिदिन प्रात: 9 बजे से 11 बजे तक समाधान शिविरों का आयोजन किया जाना है, ताकि आमजन अपनी प्रॉपर्टी आईडी व स्वामित्व योजना सेे संबंधित त्रुटियों को दुरुस्त कराने के लिए शिविर का लाभ उठा सकें, लेकिन शहर में उक्त दोनों ही विभागों के इस प्रकार का कोई शिविर नहीं लगाया जा सका है। नगर परिषद और खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी प्रात: 10 बजे के बाद ही कार्यालयों में पहुंचते हैं, जबकि अधिकारियों के पहुंचने का कोई समय निश्चित नहीं हैं। अगर कोई उपभोक्ता विभागीय अधिकारियेां की इस कार्यशैली के बारे में जानकारी लेना चाहता है तो कर्मचारियों द्वारा बताया जाता है कि अधिकारी मीटिंग में हिस्सा लेने बाहर गए हुए हैं। स्थानीय नगर परिषद में प्रॉपर्टी आईडी को दुरुस्त कराने के लिए दर्जनों उपभोक्ता प्रतिदिन चक्कर लगाते रहते हैं। विभागीय कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं को कागजी खानापूर्ति के नाम  पर बेवजह परेशान किया जाता है, लेकिन बाद में सुविधा शुल्क मिलने के बाद उक्त कार्य तुरंत प्रभाव से दुरुस्त कर दिया जाता है। प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर नगर परिषद कार्यालय में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एक दो भ्रष्ट कर्मचारियों के कारण ही पूरा परिषद कार्यालय बदनाम हो रहा है। उक्त कर्मचारी बगैर रिश्वत के कोई काम करने को तैयार नहीं हाते हैं। इस बारे में एसडीएम रणवीर सिंह का कहना है कि इस मामले में उन्होंने विभागीय अधिकारियों की मीटिंग ली है। शीघ्र ही कार्यालयों में समाधान शिविरों का आयोजन शुरु हो जाएगा। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इस मामले में लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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