मेवात के 28 स्कूलों को अपग्रेड करने की मांग 

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पहले चरण में 9 स्कूलों को कराया जा रहा अपग्रेड, साल 2022 में मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाउंडेशन ने शुरू किया अभियान
राजूद्दीन ने कहा, अगले 10 साल तक नहीं पड़ेगी स्कूलों को अपग्रेड करने की आवश्यकता
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । नीति आयोग के सबसे पिछड़े जिले मेवात में स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए स्वयंसेवी संस्था मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाऊंडेशन घागस ने कमर कस ली है। प्रथम चरण में 9 स्कूलों को अपग्रेड कराया जा चुका है। बाकी 19 स्कूलों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है। कुल मिलाकर साल 2022 में शुरू किए अभियान के अंतर्गत 28 स्कूलों को 2025 तक अपग्रेड करना है। उल्लेखनीय है कि मेवात हरियाणा का एकमात्र पिछड़ा जिला है जिस पर नीति आयोग भी गौर करता है। इस जिले में बेटियों का ड्रॉप आउट चिंता का विषय है जिसे ध्यान में रखते हुए स्वयंसेवी संस्था मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाउंडेशन ने अभियान चलाया हुआ है। इन 28 स्कूलों में नगीना खंड के गांव गोहाना, कंसाली, रीठट, नाईनंगला-जलालपुर, झिमरावट-खानपुरघाटी के राजकीय कन्या और बाल माध्यमिक विद्यालय है। इसके अलावा नूंह खंड के राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय चंदेनी, आकेड़ा, सुड़ाका, बैंसी, सलंबा, रोजका मेव, रेहना, पल्ला शामिल हैं। तावडू खंड के राजकीय माध्यमिक विद्यालय खोरी कलां, शिकारपुर, सीलखो शामिल हैं। इसी प्रकार फिरोजपुर झिरका खंड के गांव हिरवाड़ी, बसईमेव, तिगांव, अखनाका, नावली, बाईखेड़ा शामिल हैं। पुनहाना खंड के जैतलका, तिरवाड़ा, खवाजली कलां शामिल हैं। साल 2022 में इन 28 स्कूलों को लड़कियों के ड्रॉप आउट को रोकने के लिए आठवीं से 12वीं तक अपग्रेड करने की रूपरेखा बनाई गई थी। मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजूद्दीन ने बताया कि प्रथम चरण में नीति आयोग के सबसे पिछड़े जिले मेवात के 15 स्कूलों को आठवीं से 12वीं कक्षा तक अपग्रेड करना है। इनमें से 9 स्कूलों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जल्दी ही उनकी एसएनई स्कूलों तक पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि इनमें बसईमेव, हिरवाड़ी, चंदेनी, आकेड़ा, गोहाना, रीठट, कंसाली, खोरी कलां, शिकारपुर, जेतलका, सलंबा, सुड़ाका, तिगांव, अखनाका, नाईनंगला-जलालपुर को 12वीं तक अपग्रेड कराया गया है। इनमें से कुछ स्कूलों को दूसरे चरण में लिया जा रहा है। समाजसेवक राजूद्दीन ने बताया कि कुल मिलाकर 28 स्कूलों को 8वीं से 12वीं कक्षा तक अपग्रेड करना है। इसके बाद अगले 10 साल तक जिले में स्कूलों को अपग्रेड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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