शामलात भूमि पर 31 मार्च 2004 से पहले बने निर्माणों को किया जाएगा नियमित – उपायुक्त अखिल पिलानी

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– 2004 के कलेक्टर रेट से डेढ़ गुना शुल्क देकर ले सकते हैं मालिकाना हक
– ग्राम पंचायत, बीडीपीओ व डीडीपीओ के माध्यम से कर सकते हैं आवेदन 
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों को मकानों का मालिकाना हक देने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत 31 मार्च 2004 से पहले पंचायती जमीन पर बने अनाधिकृत निर्माणों, मकानों को नियमित किया जाएगा। इस योजना के तहत पात्र ग्रामीण 2004 के कलेक्टर रेट का डेढ़ गुना शुल्क देकर अपने अनाधिकृत निर्माणों, मकानों पर वैध मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं।

उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत गांवों में नियोजित विकास व संपत्ति का वैध दस्तावेजीकरण भी सुनिश्चित होगा। इसके लिए लाभार्थियों को ग्राम पंचायत, बीडीपीओ अथवा डीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से आवेदन करना होगा। पंचायत विभाग की ओर से जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना के तहत ग्राम पंचायतों में अनाधिकृत रूप से निर्मित निर्माणों व मकानों को नियमित करने का अधिकार देने के लिए प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत संबंधित ग्रामीण उसी गांव का निवासी होना चाहिए। लाभार्थी के मकान का निर्माण 31 मार्च 2004 से पहले का ही होना चाहिए। मकान से किसी सार्वजनिक उपयोगिता या यातायात में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि भवन किसी राजकीय रास्ते के लिए आरक्षित भूमि पर भी नहीं होना चाहिए तथा संबंधित निर्माण 500 वर्ग गज से अधिक नहीं होना चाहिए। विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित ग्राम सचिव, बीडीपीओ, डीडीपीओ अथवा सीईओ (जिला परिषद) कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भूमि के सफलतापूर्वक नियमितीकरण के प्रकाशन की तिथि 17 जनवरी 2025 से 12 माह की अवधि के लिए मान्य होगी। यदि उक्त भूमि पर उपलब्ध हो तो अनाधिकृत कब्जा भूमि के कलेक्टर रेट 2004 के आधार पर शुल्क लेकर उस पर स्वीकृति दी जाएगी। यह शुल्क दर 31 मार्च 2004 को प्रचलित कलेक्टर रेट की 1.5 गुणा दर पर होगा तथा यदि भूमि गांव के अंदर है तो ग्राम पंचायत निधि और बाहर है तो जिला परिषद निधि में जमा करानी होगी। यह आदेश केवल रिहायशी मकानों के स्वामित्व वाले दावों के लिए है, अन्य किसी व्यवसाय संबंधी खंड के मामलों में संबंधित उपायुक्त स्तर पर विचार किया जाएगा।

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