लोकसभा चुनाव में ओबीसी उम्मीदवार उतार सकती है कांग्रेस
City24news@ब्यूरो
फरीदाबाद। हरियाणा प्रदेश में हुए बड़े राजनैतिक उलटफेर के बाद नायब सिंह सैनी की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी से कहीं न कहीं भाजपा ओबीसी वर्ग को साधने का प्रयास कर रही है। बात अगर फरीदाबाद लोकसभा की जाए तो यहां ओबीसी (गुर्जरों) का गढ़ रहा है। 1991 से यहां से कांग्रेस पार्टी गुर्जर उम्मीदवार को चुनाव लड़ाती आ रही है। पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना यहां 1991 में पहली बार सांसद चुने गए, इसके बाद 2004 और 2009 में भी वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2014 और 2019 में भी कांग्रेस ने गुर्जर समाज को ही उम्मीदवार के रूप में चुना। ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार भी कांग्रेस पार्टी ओबीसी (गुर्जर) प्रत्याशी को ही चुनावी रण में उतारेगी और यशपाल नागर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे है। हालांकि गुर्जर समाज से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप का नाम भी लिया जा रहा है, मगर वह खुद कह चुके है कि वह राजनीति से संन्यास ले चुके है और अपने बेटे विजय प्रताप को राजनीति में उतार चुके है। ऐसा लग रहा है कि टिकट मांगने वालों में पूर्वमंत्री करण दलाल भी शामिल है, मगर हरियाणा की राजनीति के जातीय समीकरण को देखते हुए फरीदाबाद सीट से जाट प्रत्याशी होना मुश्किल लग रहा है। वर्ष 2014 और 2019 में भी गुर्जर समाज से अवतार सिंह भड़ाना ही भाजपा के मौजूदा मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सामने चुनाव लड़े है, सारे समीकरणों को देखते हुए लोकसभा चुनाव काफी रोचक होगा। गौरतलब है कि यशपाल नागर की बात की जाए तो वह कई वर्षाे से कांग्र्रेस के सच्चे सिपाही के रूप में पार्टी का झंडा बुलंद किए हुए है। पिछले दिनों अपने निवास पर पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान के जलपान समारोह के दौरान बड़ी सभा करके उन्होंने यह संदेश दे दिया कि वह लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के मजबूत विकल्प साबित हो सकते है। वैसे भी यशपाल नागर का अनुभव और पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ उनके दावे को मजबूत करती है। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की नौ विधानसभाओं में वह काफी चर्चित चेहरे है और गांव-गांव शहर-शहर उन्हें लोग भली भांति जानते है और इन विधानसभाओं में उनके काफी समर्थक भी है।