सात राज्यों के उपचुनाव में कांग्रेस बम-बम, बीजेपी का निकला दम

उत्तराखंड के दो विधानसभा चुनाव रिजल्ट ने दिए वोट बैंक शिफ्ट के संकेत
पुष्कर सिंह धामी सरकार की नीति पर भी उठने लग सकते हैं सवाल
बद्रीनाथ और मंगलौर में दलित वोटों के मामले पर भी अब शुरू हुई चर्चा
समाचार गेट/संजय शर्मा
देहरादून। सात राज्यों में हुए 13 विधानसभा उपचुनाव का आज शनिवार को रिजल्ट आया। इस रिजल्ट में कांग्रेस ने 4 सीट और ‘इंडिया’ गठबंधन ने 10 सीटों पर विजय दर्ज की। जीत का जश्न मनान
हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि 7 राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा द्वारा बुना गया ‘भय और भ्रम’ का जाल टूट चुका है। उपचुनाव में हुई जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी हरियाणा के दिग्गज नेता और कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष माइनोरिटी डिपार्टमेंट हरियाणा प्रदेश एवं कोर्डिनेटर हरियाणा प्रदेश जिला मेवात प्रभारी ओबीसी सेल लुकमान रमीज ने कहा है कि इस उपचुनाव में विजय प्राप्त करने वाले कांग्रेस एवं इंडिया गठबंधन के समस्त उम्मीदवारों को मैं बधाई देता हूं, उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह साफ कर दिया है कि दलित और मुस्लिम वर्ग का वोट अब बहुजन समाज पार्टी की तरफ जाने की जगह कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हो रहा है। यह एक बड़ा बदलाव होता हुआ इस उप चुनाव में दिखा है। अब तक दलित-आदिवासी समाज में भाजपा अपनी पकड़ बनाती दिखाई दे रही थी, लेकिन कांग्रेस एक बार फिर अपने पुराने वोटरों के बीच पैर जमा रही है।



उपचुनाव के रिजल्ट ने उत्तराखंड में एक अलग राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में लगभग दो-तिहाई से अधिक सीट जीतने वाली भाजपा को बड़ा झटका लगा है। 2014 के बाद बाद से प्रदेश में यह पहला मौका है, जब कांग्रेस पार्टी को किसी भी चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें आई हैं। या यूं कहें कि उन्होंने भाजपा को कोई भी सीट जीतने नहीं दी है।
बद्रीनाथ सीट पर भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार को तोड़कर कमल खिलाने की योजना तैयार की थी। उसमें पार्टी सफल नहीं रही। ऐसे में दूसरे दलों के विधायक तोड़कर कमल खिलाने की मुहिम वाली रणनीति पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी का गढ़ माने जाने वाले मंगलौर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया है। दरअसल, बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक और दलित आबादी बड़ी संख्या में है। इस कारण यहां पर भाजपा को जीत दर्ज करने में मशक्कत होती रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बद्रीनाथ सीट पर कब्जा किया था।