दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन का सराहनीय प्रयास।

— सामाजिक अधिकारिता शिविर में 215 दिव्यांगजनों को 18 लाख रुपये मूल्य के 960 निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला प्रशासन व जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के प्रयासों से मंगलवार को दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को अधिक सुलभ, आत्मनिर्भर और गरिमामयी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस कड़ी में आज तावडू शहर स्थित अग्रवाल धर्मशाला में एक सामाजिक अधिकारिता शिविर का सफल आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद लाभार्थियों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर प्रदान करना था।
इस शिविर का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, एलिम्को (ALIMCO) तथा जिला प्रशासन, नूंह के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। शिविर में केंद्र सरकार की ‘दिव्यांगजन सहायता योजना’ एवं ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को निःशुल्क सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्हें आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस प्रकार के शिविर, न केवल उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार की यह सोच है कि ‘सुविधा वहीं, जहां आवश्यकता है’, और इसी सोच के अनुरूप पात्र व्यक्तियों को उनके गांव व कस्बों में ही लाभ प्रदान किया जा रहा है।
शिविर में 960 सहायक उपकरणों का वितरण
इस शिविर में कुल 215 पात्र दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों को लगभग 18 लाख रुपए की लागत से कुल 960 सहायक उपकरणों का वितरण किया गया। इन उपकरणों में प्रमुख रूप से ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, वॉकर, बैसाखी एवं छड़ी, श्रवण यंत्र (हियरिंग एड), कमर एवं घुटनों की बेल्ट आदि शामिल थी।
इस अवसर पर एसडीएम तावडू जितेंद्र गर्ग, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव महेश गुप्ता, प्रशिक्षण अधिकारी महेश मलिक, तावडू नगर पालिका के सचिव, बीडीपीओ तावडू, एलिम्को के अधिकारी डॉ. योगेश कुमार एवं डॉ. विक्रम सोलंकी तथा अग्रवाल धर्मशाला के प्रधान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों ने शिविर का अवलोकन किया, लाभार्थियों से संवाद किया और उनके अनुभवों को साझा किया। लाभार्थियों ने भी प्रशासन की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया।