कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सामूहिक संकल्प आवश्यक: प्रो.टंकेश्वर कुमार
- पर्यावरण के विषय लेखन के लिए नई पीढ़ी का गंभीर होना जरूरी: अन्नू आनंद
- सेंटर फॅार मीडिया स्टडीज के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला शुरू
सिटी 24 न्यूज/ अशोक कौशिक
नारनौल। हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक संकल्प लेने की आवश्यकता है। भारत इस विषय की गंभीरता को समझाता है जिसके परिणामस्वरूप यहां निरंतर कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में प्रयास जारी है। अब समय है कि हम धरती के समक्ष उपलब्ध इस चुनौती को समझे और हाइड्रोजन ईंधन जैसे नए विकल्पों और नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ावा दें।
यह विचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने मंगलवार से विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एंव जनसंचार तथा पर्यावरण अध्ययन विभाग के संयुक्त प्रयासों से सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के सहयोग से शुरू दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कुलपति ने विद्यार्थियों को दुनिया में निम्न कार्बन उत्सर्जन और सतत विकास के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन के लिए आयोजक विभागों व सेंटर फॉर मीडिया स्टडी एवं आस्ट्रलिया उच्चायोग को भी बधाई दी। उन्होनंे कहा कि निम्न कार्बन उत्सर्जन और सतत विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए हमें बदलाव की आवश्यकता है, और यह कार्यशाला इस बदलाव में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर एक साझा संकल्प लेते हैं कि हम समृद्धि की दिशा में अग्रसर होने के लिए सक्रिय रूप से योगदान करेंगे व एक हरित और स्वास्थ्यपूर्ण भविष्य की दिशा में आगे बढ़ेंगें।
उन्होंने कहा की हमें सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के महत्व समझना होगा वहीं हाइड्रोजन ईंधन जैसी नई ईंधन प्रौद्योगिकी के बारे में हमें जागरूक होना पड़ेगा जो कि भावी पीढ़ी के लिए सतत विकास के लक्ष्य में योगदान देता है। कार्यशाला में सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की निदेशक अन्नू आनंद अपने उद्बोधन में बताया कि इस प्रोजेक्ट का उदेश्य युवा पीढ़ी को कार्बन उत्सर्जन से पैदा होने वाले खतरों के बारे में अवगत करवाना है। इसी उदेश्य के साथ सेंटर फार मीडिया स्टडीज ने हकेवि के संयुक्त तत्वाधान में इस दो दिवसीय कार्यशाला को आयोजित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि देश भर में इस अभियान की शुरूआत सेंटर फॅार मीडिया स्टडीज ने आस्ट्रेलिया उच्चायोग के सहयोग से की है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं पर्यावरण अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हो रही इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को निम्न कार्बन उत्सर्जन के लिए समाज व देश को कैसे जागरूक किया जाए इस बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कार्यशाला के संयोजक एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार ने कहा कि हकेवि में यह कार्यशाला आयोजित करने की जिम्मेवारी मिली है यह विभाग एवं विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज एवं भारत में आस्ट्रेलिया उच्चायोग के सहयोग से हो रही इस कार्यशाला में मौसम विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन व पत्रकारिता एवं जनसंचार से जुड़े विशेषज्ञ पर्यावरण जैसे विषयों पर लेखन एवं रिपोर्टिंग के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षत करेंगे। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की निदेशिका अन्नू आनंद, ग्रीनटैक नोलेज सोल्युशन की निदेशक वरनिका प्रकाश, मौसम विज्ञान संचार विशेषज्ञ निशांत सक्सेना, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर कविता रखेजा, संयोजक समृद्वि एवं यश वशिष्ट विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे।
कार्यशाला में विद्यार्थियों को पर्यावरण जैसे संवेदनशील विषयों पर लेखन की बारीकियों को सीखाया जाएगा। पर्यावरण अध्ययन विभाग की अध्यक्षा मोना शर्मा ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह कार्यशाला पत्रकारिता एवं र्प्यावरण अध्ययन विभाग के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होने वाली है।
इस अवसर पर शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो.संजीव कुमार, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. वीरपाल यादव, डॉ. कामराज सिंधु, डॉ. कमलेश, डॉ. पंकज, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. नीरज, आलेख नायक सहित विभन्न विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद थे। मंच का संचालन डॉ. भारती बत्रा ने किया।