रेल के ’एसी कोच’ में स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के चद्दर, ताकिये और कम्बल करवाये जा रहे उपलब्ध

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बीकानेर डिवीजन में बेडरौल की शिकायतों में लगातार आ रही कमी
यात्रियों की सुविधा के लिए बीकानेर रेल मंडल में प्रतिदिन 28000 से अधिक बैडरोल की हो रही मैकेनाइज्ड धुलाई

City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
| भारतीय रेलवे यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बेडरौल उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसके लिए रेलवे बोर्ड द्वारा पारदर्शी नीति का निर्धारण किया गया है। बीकानेर रेल मंडल के अंतर्गत संचालित होने वाली सभी ट्रेनों में वातानुकूलित श्रेणी के प्रत्येक कोच में साफ, स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरौल, चद्दर तकिया और कंबल प्रदान किये जा रहे हैं। सभी चद्दरों और पिलो कवर को उपयोग के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई और इस्त्री की जाती है। रेल कर्मी यात्रियों को स्वच्छ बैडरोल प्रदान कर यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का एहसास करवाने के लिए प्रयासरत हैं।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक भूपेश यादव ने बताया कि बीकानेर रेल मंडल के तहत बीकानेर तथा श्रीगंगानगर में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री स्थापित की गई है। जहां इनकी क्षमता में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। वर्ष 2023 में इसकी क्षमता 10 टन प्रतिदिन थी, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 14 टन प्रतिदिन हो गयी है। बीकानेर मण्डल पर लॉन्ड्री में धुलाई की जाने वाले कपड़ों की क्षमता को 10 टन (10000 नग)प्रति दिन से बढ़ा कर 14 टन (28000 नग) प्रति दिन किया गया है द्य 40 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
 इससे पूर्व में कंबल की धुलाई 2010 में जहां 3 महीने में एक बार की जाती थी, उस अवधि को घटा कर 2010 से 2 महीने में एक बार तथा वर्तमान मे 30 दिन में एक बार किया गया है। जबकि घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले कंबल की भी कभी-कभार धुलाई की जाती है।
रेलवे द्वारा एसी कोच में प्रत्येक यात्री को 2 चादरें दी जाती है जिसमें से एक सीट पर बिछाने तथा दूसरी कंबल के कवर के रूप में इस्तेमाल के लिए दी जाती है। इसके अतिरिक्त एसी कोच का तापमान भी 24 के आसपास रखा जाता है। जिससे कंबल की आवश्यकता ही ना पड़े और चादर ही पर्याप्त हो। उत्तर पश्चिम रेलवे पर बेडरौल की अनुपलब्धता और गंदे या फटे बेडरौल की शिकायतों में निरंतर कमी आ रही है। पिछले वर्ष सिर्फ बीकानेर लॉन्ड्री में 2023 में कुल 247 शिकायतें मिली थी जो कि वर्ष 2024 में नवम्बर तक घटकर मात्र 17 रह गयी हैं।
इन शिकायतों में 93 फीसदी कमी दर्ज की गई है। इनमें भी अधिकतर शिकायतें केवल बेड रोल उपलब्ध नहीं होने की रही जिन्हें कुछ विलंब से बेड रोल उपलब्ध कराया गया था।
इसके साथ ही चद्दर और कंबल को कुछ समय बाद बदला भी जाता है तथा नए लिनेन सेट की खरीद की जाती है। मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रियो में भी सफाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाला पदार्थ इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों द्वारा सीसीटीवी एवं स्टाफ द्वारा निरंतर निगरानी की जाती है। धुले हुए कपड़ों की गुणवत्ता को चेक करने के लिए व्हाइटोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है।
बीकानेर रेल मंडल पर रेल मदद पर प्राप्त बेड रोल सहित अन्य शिकायतों की निगरानी के लिए अलग-अलग वार रूम स्थापित किए गए हैं, जो यात्रियों की शिकायत एवं फीडबैक पर दिन-रात निरंतर निगरानी करते हैं।  रेलवे यात्रियों के सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने यात्रियों से बैडरोल का उपयोग सावधानी पूर्वक करने तथा साफ सफाई बनाए रखने की अपील की है। ’स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत’ मिशन में यात्री अपना योगदान प्रदान करें।

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