मुख्यमंत्री मनोहर लाल और आफताब अहमद हुए आमने सामने 

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | 2024-25 के बजट में विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कॉंग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद कुछ देर के लिए मेवात के मामले में एक दूसरे से आमने सामने हो गया।

बता दें कि इस 2024 के बजट में मेवात के लिए कोई विशेष परियोजना नहीं मिली है जबकि भाजपा जजपा सरकार नूंह जिले को सबसे पिछड़ा कहकर 10 साल से विकास का दम भरने का दावा करती रही है। जबकि सच ये है कि दस सालों से नूंह जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, मूल भूत ढांचे ढांचे में कोई अतिरिक्त सुधार नहीं हुआ है। 10 साल से हर बजट में मेवात के लोग रेल लाईन के लिए पैसों की बाट जोह रहे हैं, इस साल भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। इस बार के बजट में मुंबई एक्स्प्रेस वे नजदीक हवाई पट्टी की बात कही गई है। 

दरअसल मुख्यमंत्री ने बजट के दौरान कॉंग्रेस विधायक दल के नेता आफताब अहमद को मजाकिया अंदाज में ताली बजाने का आह्वान किया तो विधायक आफताब अहमद ने मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार मेवात के साथ भेदभाव कर रही है और इलाके के साथ मज़ाक कर रही है।

विधायक आफताब अहमद ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नूंह जिला एक पिछड़ा हुआ जिला है, बहुत सी सुविधाओं की कमी है, बावजूद इसके मौजूदा बजट में नूंह को खाली हाथ रखकर बीजेपी ने साफ़ संदेश दिया है कि नूंह जिला इनके लिए सौतेला जिला है। पिछले दस सालों से स्थानीय किसान सिंचाई के पानी का, छात्र विश्वविद्यालय का और मरीज़ बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बजट में कुछ भी नहीं मिला है। स्थानीय लोगों के पास लघु उद्योग, कंपनियां नहीं हैं जो हवाई पट्टी का लाभ मिल सके। स्थानीय लोगों को रेल की आवश्यकता है ताकि हरियाणा राजस्थान आ जा सके लेकिन सरकार ने कुछ नहीं दिया। 

विधायक आफताब अहमद ने सदन से बाहर आने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछली कॉंग्रेस सरकार ने नूंह जिले को रेल की सौगात दी थी जिसमें 50 फिसदी खर्च प्रदेश सरकार को वहन करना था जिसकी चिट्ठी हुड्डा सरकार ने दे दी थी लेकिन 2014 मे सत्ता परिवर्तन के बावजूद बीजेपी सरकार ने परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

आम बजट पर चौधरी आफताब अहमद ने पत्रकारों को बताया कि ये विफल सरकार का विफल बजट है, जिसने हर वर्ग को निराश किया। जनता को उम्मीद थी कि चुनावी बजट होने की वजह से कम से कम घोषणा में ही सही, उसे इस बार महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ तो राहत मिलेगी। लेकिन बीजेपी जजपा सरकार ने जनता की उम्मीदों को तार-तार कर दिया। 

कृषि, सिंचाई, शिक्षा, जनस्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, ऊर्जा, उद्योग व वाणिज्य समेत कई क्षेत्रों के बजट में हुई भारी कटौती हुई है।

बजट में कहीं भी एमएसपी, ओपीएस  5100 पेंशन, महंगाई व टैक्स से राहत का जिक्र नहीं है! 4,51,368 करोड़ हुआ कर्ज, पुराने कर्जे की किश्त देने के लिए नया कर्जा ले रही है सरकार!

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि 

सरकार ने किसानों की कर्जमाफी नहीं की, कांग्रेस ने लगभग 2200 करोड़ रुपये के कर्ज व 1600 करोड़ के बिजली बिल माफ किए थे।

उन्होंने कहा कि ये बजट बीजेपी जजपा सरकार का अंतिम बजट है, प्रदेश में अगला बजट लोगों को कॉंग्रेस सरकार लोग के हितों के लिए पेश करेगी।

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