चंद्र लाल सांगी के शिष्य भबुल मुम्बई से पहुंचे अपने गुरु भाई वेद प्रकाश के पास

-पुरानी याददाश्त को ताजा कर सुनाए संस्मरण
-चंद्र लाल के साथ 15 वर्ष तक किया था जनता का भरपूर मनोरंजन
-मुम्बई जाकर गठित की थी ‘निजामी’ कव्वाली पार्टी
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना में सॉन्ग सम्राट चंद्रलाल बादी के शिष्य भबुल का आगमन हुआ जिसका ग्रामीणों ने पगड़ी पहनकर जोरदार स्वागत किया। वे पिछन्े लंबे समय से मुम्बई में सपरिवार रह रहे हैं। सॉन्ग विद्या में अपने जमाने के प्रसिद्ध कलाकार रहे भबुल पिछले 50 वर्ष से नवीमुंबई में रहकर संगीत सेवा दे रहे थे। चंद्र लाल बादी के सांग में उन्होंने महत्वपूर्ण रोल अदा किए थे। उन्होंने 1960 से 1975 तक चंद्र लाल सांगी की पार्टी में लगभग 15 साल काम किया। उसके बाद ये फिल्मी दुनिया में जाने के लिए लालायित रहे थे। मुंबई पलायन करने के लगभग 50 वर्ष के बाद अपने गुरु भाई वेदप्रकाश भारती महाशय, खेडी से मुलाकात कर पुरानी यादें ताजा की। वेद प्रकाश भारती ने बताया भबुल ने मुम्बई में सॉन्ग विद्या को छोड़कर ‘भबुल निजामी कव्वाली पार्टी’ का गठन किया जिसे जनता ने खूब सराहा। वेदप्रकाश ने ताया कि करीब 3 वर्ष से सोशल मीडिया के जरिए भबुल से संपर्क हुआ। जिसमें उनसे वापस सांग विद्या में आने के लिए आग्रह किया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में आऊंगा और सॉन्ग विद्या में आपके साथ रहूंगा। उन्होने कहा कि भबुल को सांगी चंद्र लाल के शिष्यों में सबसे वरिष्ठ माना जाता है। जिन्होंने महेंद्रगढ़ जिले के विभिन्न गावों में सांग की प्रस्तुती दी थी। उसे आज भी ग्रामीण याद करते हैं। 85 वर्ष की आयु में बहुत पुरानी रागनियां सुनाई भबुल के आने से सांग विधा को उनके मार्गदर्शन से अन्य कलाकारों को नई ऊर्जा मिलेगी। इस अवसर पर विजयपाल सेहलंगीया, शिशुपाल बेदी, राकेश, पवन लांबा, सुरेंद्र कुमार उपस्थित थे।
भबुल ने सबसे पहले नशे पर चोट करते हुए शराबबंदी पर रागनी, पीकर मत बेहोश रह पीना तो संभल के पी। रंग ठाठ का ठेका दूर है बाबू सीधा चलन चाल के पी, गायी थी। जिसे जनता ने बडा प्यार दिया था। उन्होंने गांव पाली, भुरजट सहित अन्य गावों में मंदिर-धर्मशाला निर्माण के दौरान सांग किए थे।
कनीना-खेड़ी पहुंचे चंद्र लाल सांगी के शिष्य भबुल अपने गुरु भाई वेद प्रकाश भारती व ग्रामीणों के साथ।