हल्दी,रोली ,चंदन का तिलक लगाकर मनाये होली का पर्व

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-आपसी सौहार्द, भाईचारे व प्रेम का त्योहार है होल
-अपने बच्चों को बताए होली मनाने का महत्व

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | आपसी भाईचारे, प्रेम, सद्भावना सौहार्द के पावन पवित्र रंगों का पर्व है होली। होली के पर्व पर जनता छोटे बड़े ऊंच-नीच आपसी वाद विवाद सभी मनभेद, व मतभेद को भुलाकर एक हो जाते हैं। प्रेम से परिभूषित होकर एक दूसरे से राग द्वेष भुला कर एक दूसरे के गले लग जाते हैं। सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन ने बताया कि पर्वो का स्वरूप तो वही है लेकिन इनको मनाने का ढंग बदल गया है जहां पहले जनता पर्वो (त्यौहारो) को मनाने से पहले अपने बड़ों से आशीर्वाद लेना अत्यंत जरूरी समझते थे। लेकिन अब इसमें बदलाव आने लगा है। इसके लिए बड़ों को अपने बच्चों को समझाना चाहिए की वह वह रंग लगाने के साथ साथअपने से बड़ों के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त करें तभी इस त्यौहार की सार्थकता सिद्ध हो सके। जैन ने बताया की केमिकल युक्त रंगों की जगह फूलों की होली खेले या एक दूसरे के माथे पर चंदन हल्दी रोली का तिलक लगाकर होली का पर्व मनाएं।रजत ने कहा की किसी के साथ जबरदस्ती करके रंग नहीं लगाना चाहिए क्योंकि आजकल केमिकल युक्त रंगों के आने की वजह से शारीरिक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है इसलिए जनता को रंगों से परहेज करना चाहिए। रजत ने बताया की आजकल त्योहारों पर शराब का अधिक प्रचलन बढ़ता जा रहा है इसके लिए जनता को जागरूक करना चाहिए कि वे इन त्योहारों पर शराब का सेवन ना करें जिससे कि त्योहारों की गरिमा और मर्यादा बनी रहे।रजत जैन ने बताया कि पानी का कम से कम प्रयोग करके भी अच्छे तरीके से होली का आनंद लिया जा सकता है तथा पूर्ण उत्साह वह आनंद के साथ होली का त्यौहार मनाया जा सकता है उन्होंने बताया कि आप अपने बच्चों को बताएं कि होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे त्योहार मनाने का क्या उद्देश्य है जब हमारी आने वाली पीढ़ी इसका उद्देश्य जानेगी तो होली का त्योहार मनाने की सार्थकता भी सिद्ध हो जाएगी।

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