जेनिथ हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पर मुकदमा दर्ज

डाॅक्टरों की लापरवाही के कारण हुई थी 9 माह की बच्ची की मौत
समाचार गेट/संजय शर्मा
बल्लभगढ। जेनिथ हॉस्पिटल बल्लभगढ़ के डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ द्वारा गैर जिम्मेदारना रवैये व लापरवाही से जले हुए जख्मों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इलाज न कराने व गलत दवाइयों के इस्तेमाल से हुई 9 महीने की बच्ची की मौत के मामले में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि 30 दिसंबर 2024 को 9 महीने की भुवी चौधरी अपने घर पर गर्म चाय गिरने से करीब 30 प्रतिशत जल गई थी जिसके बाद उसे जेनिथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उपचार के दौरान 5 जनवरी 2025 को बच्ची की मौत हो गई।
भुवी चौधरी के पिता अर्जुन सराव जेनिथ हॉस्पिटल के इलाज से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने इसकी शिकायत बल्लभगढ स्थित आदर्श नगर थाने और जिला चिकित्सा अधिकारी से की।
सीएमओ के आदेश पर संज्ञान लेते हुए शिकायत सिविल सर्जन कार्यालय के तत्वावधान में जिला चिकित्सा लापरवाही बोर्ड का गठन किया गया।
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क्या कमी थी जेनिथ अस्पताल के रिकॉर्ड में?
(जलन और जलने के लिए मानक उपचार दिशानिर्देश 2022 के अनुसार) - पेट में सूजन को रोकने के लिए बच्चे को मुँह से कुछ भी नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में बच्चे को भर्ती होने के पहले दिन ही मुँह से कुछ भी लेने की अनुमति दे दी गई।
- बच्चे को कैथीटेराइज़ नहीं किया गया था और मूत्र उत्पादन ठीक से नहीं मापा गया था और इनपुट आउटपुट चार्टिंग ठीक से नहीं की गई थी, जबकि IAP दिशानिर्देशों के अनुसार इसका पालन किया जाना चाहिए था।
- दैनिक रखरखाव के साथ-साथ IV द्रव पुनर्जीवन भी किया जाना चाहिए था, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार इस बच्चे को पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं मिला है।
- बेहतर उपचार के लिए बर्न और प्लास्टिक सर्जन की राय जल्दी और बार-बार ली जानी चाहिए थी।
- जेनिथ अस्पताल में कोई विशेष बर्न वार्ड/यूनिट नहीं है। विशेष बर्न यूनिट/वार्ड उपलब्ध न होने के बावजूद, मरीज का इलाज निजी वार्ड में किया गया।
- रक्त और शरीर द्रव के कल्चर नहीं भेजे गए। नैदानिक स्थिति और प्रयोगशाला रिपोर्ट के अनुसार रोगाणुरोधी दवाओं की समीक्षा की जानी चाहिए। लगातार बुखार बढ़ने के बावजूद ये उपाय नहीं किए गए।
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क्या कहती है? जिला चिकित्सा लापरवाही बोर्ड की राय:
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जिला चिकित्सा लापरवाही बोर्ड का मानना है कि 30 प्रतिशत जले हुए शिशु का इलाज विशेष बर्न यूनिट में किया जाना चाहिए, लेकिन अगर मरीज का इलाज ऐसी यूनिट में नहीं किया गया, तो इस मामले में मरीज का इलाज एक समर्पित बर्न वार्ड/यूनिट में किया जाता, जहाँ विशेषज्ञ बर्न और प्लास्टिक सर्जन उचित मानक प्रोटोकॉल के साथ उचित द्रव प्रबंधन के साथ इलाज की देखभाल करते। शिकायत, उपलब्ध उपचार रिकॉर्ड, शिकायतकर्ता और प्रतिवादी दोनों की जिरह के बाद, जेनिथ अस्पताल के इलाज करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सा लापरवाही पाई गई है।