बेवल के उन्नत किसान कर्ण सिंह ने प्राकृतिक खेती में कमाया मुनाफा
-अन्य किसान कर रहे अवलोकन
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना-नारनौल मार्ग स्थित गांव बेवल में किसान कर्ण सिंह ने रेतीले टीलों में प्राकृतिक खेती कर सफलता का झंडा बुलंद किया है। प्राकृतिक खेती कर वह खूब मुनाफा कमा रहा है। उन्नत किसान कर्ण सिंह का मानना है कि भारत वर्ष में महेंद्रगढ जिले की भूमि नकदी फसल के लिए अति उत्तम है। जहां विभिन्न प्रकार की कैश-क्राॅप का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। इस किसान द्वारा चार एकड़ भूमि में पिछले दो वर्ष से प्राकृतिक खेती की जा रही है। पिछले वर्ष किसान ने तरबूज फसल की प्राकृतिक खेती की थी।जिसमे भरपूर लाभ हुआ था। किसान कर्ण सिंह ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने ढाई एकड़ भूमि में गाजर ,चकुंदर, मूली, धनिया, चना, मटर व गोभी की फसल लगाई है। डेढ़ एकड़ रक्बे में गेहू उगाया गया है। किसान कर्ण सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष करीब ढाई लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।
प्राकृतिक खेती से भरपूर मात्रा में पैदावार ले रहा हैं। प्राकृतिक खेती से क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी पर फोकस किया जाता है। जिससे सब्जी का टेस्ट भी उत्तम है। प्राकृतिक खेती में अच्छी पैदावार लेने तथा पेस्टीसाईड से बचने के लिए देशी विधि से गाय का गोबर,गोमूत्र, बेसन,गुड़ व नीम के पत्तो का घोल तैयार कर उसका स्प्रे किया जाता है। किसान कर्ण सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में पानी की समस्या है, जिसके लिए गेहू में भी टपका सिंचाई विधि अपनाई जा रही है। जिसमें एक एकड़ में खपत होने वाले पानी का छह एकड़ भूमि पर प्रयोग हो जाता है। उन्होंने बताया कि हाथ के द्वारा ही पुश सीडर मशीन से एक एकड़ में दस किलोग्राम गेहू बिजाई किया था जिसमे टपका विधि से ही सिचाई की जा रही है। गेहू में फुटाव भी खूब हो रहा है। उन्होंने बताया कि देशी विधि से की गई खेती मे पैदावार भी बेहतर हुई है जो खाने में भी स्वादिस्ट हैं। उनकी ओर से प्राकृतिक खेती आधुनिक तरीके से की जा रही है। जिनमें किसी प्रकार का रासायनिक खाद व दवा का उपयोग नहीं किया जाता है। क्षेत्र से अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती का अवलोकन करने के लिए उनके पास पंहुच रहे हैं। इस मौके पर किसान महावीर सिंह, शमशेर सिंह, गूगन सिंह उपस्थित थे।