अलवर सरिस्का बाघ अभ्यारण से भटकने के बाद बहरोड में पहुंचे बाग
City24news@अशोक कौशिक
नारनौल। अलवर सरिस्का बाघ अभ्यारण से भटकने के बाद रेवाड़ी से बहरोड क्षेत्र में पहुंचे बाग की मूवमेंट की वजह से रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व राजस्थान के बहरोड़ कोटपूतली जिला में अफवाहों का दौर गत चार दिन से जारी है।
शनिवार को भैरू का बांस, ऊंचा जमालपुर, नांगल (रेवाड़ी) व बहरोड़ कोटपूतली राजस्थान के गांव खून्दरोठ पड़ौसी रामपुरा व कांटी (महेंद्रगढ़) में टाइगर को लेकर तरह-तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर छाई रही। कुछ गांवों में तो पंचायत की तरफ से मुनादी भी करवाई गई।
मंगलवार को अटेली खंड के सिलारपुर के ग्रामीणों ने वन्य प्राणी विभाग को गांव में बाघ होने की जानकारी दी। इसके बाद पहुंची पुलिस एवं विभाग की टीम ने वहां जांच की तो किसी तरह के पगमार्क नहीं मिले। इसके बाद टीम वापस लौट आई। सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर जारी है। लोग कहीं का वीडियो कहीं से जोड़कर अफवाहों को बढ़ा रहे हैं। जिस पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है।
एक दिन पहले बोचड़िया में भी एक किसान ने किसी जंगली जानवर के हमले की बात कही थी। हालांकि यह बात भी पुष्ट नहीं हुई। इससे पहले रेवाड़ी जिले के भैरू के पास राजस्थान के साथ लगते गांव खूदरोंठ में विभाग के पगमार्क देखे जाने का दावा किया गया था। साथ लगते हरियाणा के गांव रामपुरा व कांटी में भी इस तरह की अफवाहें उड़ी थी। वन्य विभाग अथवा जिला प्रशासन की ओर से अभी कोई पुष्टि नहीं हुई कि क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ या बघेरा जैसा कोई प्राणी आया हो ।
सरिस्का बाग अभ्यारण की टीम के अनुसार सोमवार को बाघ 2303 का मूवमेंट बहरोड के पास स्थित जैनपुर बास – पहाड़ी गांव में थी। वहां भी एक खेत में महिला पर हमले का प्रयास की बातें सोशल मीडिया पर छाई रही। महिला रविता को टाइगर सरसों के खेत में दिखाई दिया था। लेकिन उसके बाद किसी ने भी नहीं देखा।वन्यजीव विशेषज्ञ व सरिस्का अभयारण्य टीम के अनुसार उसके बाद यह सोतानाला की ओर बढ़ गया।
बैग की ताजा स्थिति मुंडावर इलाके की है बहरोड इलाके में 4 दिन से घूम रहे बाग के पग मार्ग समद की पहाड़ी के पास मिले हैं सरिस्का टाइगर रिजर्व रेंजर शंकर सिंह शेखावत और ताल वृक्ष रेंजर दिलीप सिंह के साथ वन विभाग की टीम लगातार टाइगर को सर्च कर रही है।
इसके बाद अलवर वन विभाग की टीम उसे गांव में पहुंची लेकिन बाघ को टैंकुलाइज नहीं कर पाई । इसकी वजह से बाघ की मूवमेंट लगातार बदलती जा रही है। इससे पहले अलवर वन विभाग की टीम अटेली और कुंड से सटे भैंरु का बांस व बहरोड के खून्दरोठ के पास अफवाहों के आधार पर आई थी, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र में बाघ के आने की पुष्टि नहीं की।
लगभग ढाई सौ किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर चुके टाइगर 2303 लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। यह बाघ बहरोड के गांव बर्ड़ोद, शालू की ढाणी, लालपुर कीरतसिंहपुर, मुंडावर के गांव बापड़ोली सहित अनेक गांव से होता हुआ बांस पहाड़ी गांव की ओर बढ़ा। 27 जनवरी को सुबह ग्रामीणों ने बाग के पगमार्क बापड़ोली के पहाड़ से लगाते हुए सरसों के खेतों में देखें। 28 जनवरी को बहरोड के गांव दिशा और मुंडावर के गांव बाघिन तथा मानसून के गांव बसई चौहान में पहुंच गया था। 29 जनवरी को बहरोड़ क्षेत्र के गांव पहाड़ी और जैनपुर बास के खेतों में पहुंच गया था जहां सरसों के पत्ते तोड़ रही महिला पर हमला किया लेकिन वह बच गई। यहां से उसने मूवमेंट किया और करीब 4:00 बजे वह वापस लौट गया 30 जनवरी को बहरोड के गांव मोहम्मदपुर और बानसूर के गांव बबेली के बीच नदी में चला गया। 31 जनवरी को बरेली बानसूर क्षेत्र से निकलकर मुंडावर के गांव शामदा पहुंच गया। यहां टाइगर के पग मार्ग देखे गए हैं टीम आज यही मौजूद है। चार दिन से भाग 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ही इधर-उधर विचरण कर रहा है।
सरिस्का बाग परियोजना के रेंजर शंकर सिंह शेखावत ने बताया टाइगर की उम्र ढाई साल है इसको रेडियो कॉलर नहीं लगाया गया क्योंकि अभी उसकी कम उम्र है यह सरिस्का से निकलने के बाद लगातार मूवमेंट कर रहा है। इसका लास्ट मूवमेंट सोतानाला के पास देखा गया है। इसके बाद इसकी ताजा लोकेशन शामदा की पहाड़ी के पास मिली है। टाइगर दिन में मूवमेंट नहीं करता और सरसों के खेतों में बैठ जाता है ऐसे में टाइगर को ट्रेस कर पाना और ट्रेंकुलाइज करने में कठिनाई हो रही है। लेकिन टाइगर रात के समय सरसों के खेतों से मूवमेंट करता है।
इसके बाद से महेंद्रगढ़ जिला में इस बातों को लेकर काफी अफवाहें फैलती जा रही है। हालांकि जिला के वन्य प्राणी विभाग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था अभी तक जिला में इसकी कोई मूवमेंट नहीं है। यहां बता दे की अलवर के सरिस्का जंगल से एक टाइगर 2303 गत 18 जनवरी को भटककर कोट कासिम से होते हुए वसई वीर्थल गांव में देखे गए उसके बाद खुश खेड़ा गांव में पहुंचा। खुशखेड़ा गांव में उसने एक बुजुर्ग किसान रघुवीर पर हमला किया। इसके बाद उसने दिशा बदली ओर शुक्रवार 20 जनवरी को रेवाड़ी जिला के धारूहेड़ा क्षेत्र भटसाना में देखा गया। उसने 20 21 जनवरी में चार जगह लोकेशन बदली गांव ततारपुर खालसा भर्त्सना खरखड़ा और जड़थल गांव में मूवमेंट करता रहा। 21 जनवरी को पहले खड़खड़ा गांव फिर बुढ़ी बावल में ट्रेस हुआ। व अन्य गांवो में पहुंच गया था। रेवाड़ी के बरसाना गांव पहुंची सरिस्का टाइगर रिजर्व टीम के सदस्य हीरालाल और धर्म सिंह पर उसने हमला भी किया बाग के हमले से हीरालाल गंभीर रूप से घायल हो गए वहीं धर्म सिंह उसकी दहाड़ सुनकर ही बेहोश हो गए थे। बाघ के आदमखोर होने के बारे में देवेंद्र प्रताप जगावत कहते हैं कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है।
वन्य प्राणी विभाग नारनौल के निरीक्षक चरण सिंह का कहना है कि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरिस्का से निकले टाइगर की जिला में कोई मूवमेंट नहीं है। जबकि बाघ के बहरोड़ क्षेत्र में होने की सूचना है। इसलिए अफवाहें अधिक फैल रही है। सिलारपुर से भी सूचना मिली थी जो की सही नहीं थी। डागी श्रेणी में पैंथर, लकड़बग्घा ऊदबिलाव जानवर आते हैं जो नुकसान नहीं पहुंचाते।
वन्य प्राणी विभाग की टीम को पुलिस के माध्यम से मंगलवार दोपहर को जिला के गांव सिलारपुर में बाघ होने की जानकारी मिली थी इसके बाद टीम पहुंची और खेतों में पड़ताल की तो वहां कोई पग मार्ग नहीं मिला इसके बाद टीम ने इसे खारिज करते हुए कहा कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दे।