विश्व पशु कल्याण दिवस पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग नूंह द्वारा जागरुकता अभियान आयोजित।

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | पशुपालन एवं डेयरी विभाग, नूंह द्वारा आज विश्व पशु कल्याण दिवस के अवसर पर जिलेभर में जागरुकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत विभाग की टीमों ने विभिन्न विद्यालयों, ग्राम चौपालों तथा विभागीय संस्थानों में पशुओं के कल्याण से संबंधित विषयों पर बच्चों व आम लोगों को जागरूक किया गया।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग नूंह के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र सहरावत ने बताया कि विश्व पशु कल्याण दिवस प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है जिसका उद्देश्य पशुओं के कल्याण के प्रति जागरुकता बढ़ाना, उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना तथा उनके प्रति हो रही क्रूरता को रोकना है। इस दिवस की शुरुआत जर्मनी के पशु प्रेमी हेनरिक जिमरमन ने वर्ष 1925 में की थी। इस दिन को सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्हें पशुओं का महान संरक्षक माना जाता है।
डॉ. सहरावत ने बताया कि विश्व पशु कल्याण दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में पशुओं के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना है। इसका मुख्य उद्देश्य पशुओं के कल्याण संबंधी मुद्दों पर समाज को शिक्षित करना, पशुओं को विलुप्त होने से बचाने व उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण पर बल देना तथा पशुओं के प्रति क्रूरता रोककर उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार को प्रोत्साहित व उनकी चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाना आदि शामिल है।
इसी क्रम में जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें पशु स्वास्थ्य शिविर, प्रदर्शनी, निबंध लेखन, चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं शामिल रहीं। इन आयोजनों का उद्देश्य पशुओं की स्थिति में सुधार करना और समाज में उनके प्रति संवेदनशीलता का वातावरण बनाना रहा।
इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग नूंह के डॉ. अजय कुमार, डॉ. हरविंद्र कुमार, डॉ. परवीन यादव, डॉ. अंकुर कुमार, डॉ. राजकुमार, डॉ. इरफान खान, डॉ. शिव कुमार, डॉ. मनीष हूडा, डॉ. रामबीर, डॉ. त्रिपुरारी दुबे, डॉ. अतुल, डॉ. सुभाष, डॉ. प्रदीप, विवेक, नसीब, अली मुहम्मद, राजीव, अनिल जोशी, कृष्ण कुमार, आमिर सोहेल आदि ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र सहरावत ने उन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपने संस्थानों में जागरुकता शिविरों के आयोजन में सहयोग दिया।