आशा भोसले ने सदाबहार गानों को अपनी आवाज देकर गुलजार किया
City24news@ब्यूरो
हिंदी सिनेमा के तकरीबन 16 हजार गीतों को अपनी सुरीली आवाज से सजा चुकीं गायिका आशा भोसले दुनिया के लिए एक मिसाल हैं। शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में खुद को साबित कर चुकीं हैं।
8 सितम्बर 1933 को जन्मीं और वर्ष 1943 से अपना करियर शुरू करने वालीं आशा भोसले आज भी गायिकी के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। आशा भोसले ने जिंदगी को अपनी शर्तों पर जिया है। गायिका कभी-कभी जीवन के पथ पर डगमगाई भीं, लेकिन उन्होंने खुद को बखूबी संभाला।
एक साहसी महिला होने के साथ ही आशा एक स्वाभिमानी व्यक्तित्व भी हैं। बचपन से ही वह अपने फैसले खुद ही ले रही हैं। आशा की बहन लता मंगेशकर भी हिंदी सिनेमा की सदाबहार गायिका थीं। इसके साथ ही लोग उन्हें उनके शांत स्वभाव के लिए भी जानते थे। आशा, और लता सगी बहनें होने के बावजूद भी एक-दूसरे से अलग रहती थीं। इसके पीछे का कारण क्या था, आइए जान लेते हैं।
आशा भोसले और लता मंगेशकर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दोनों ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर खुद का करियर बनाया। हालांकि, बचपन में इन दोनों ने काफी दुख भी झेला। महज 14 वर्ष की उम्र में पिता का निधन हो जाने के कारण लता मंगेशकर ने काम करना शुरू कर दिया था। वहीं, आशा भोसले के बड़े होने पर लता मंगेशकर ने यह चाहा कि वह भी घर की जिम्मेदारियां उठाने में उनकी मदद करेंगी। हालांकि, ऐसा हो न सका। आशा को किसी और के हिसाब से अपना जीवन जीना पसंद नहीं था। इसी कारण उनकी और लता मंगेशकर के बीच दूरियां बढ़ती चली गई थीं। हद तो तब हो गई जब आशा ने महज 16 की उम्र में खुद से 15 वर्ष बड़े गणपतराव भोंसले से शादी कर ली थी।
गणपतराव भोंसले कोई और नहीं बल्कि लता मंगेशकर के सेक्रेटरी थे। बड़ी बहन लता को सेक्रेटरी संग आशा की शादी नागवार गुजरी, और उन्होंने इस रिश्ते को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। यही कारण रहा कि सगी बहनों के बीच तकरार बढ़ती चली गई, और कई वर्षों तक दोनों ने कोई बातचीत भी नहीं की। गणपतराव के प्यार में दीवानी हो चुकीं आशा ने परिवार से सारे संबंध खत्म कर लिए थे।
गणपतराव से शादी के बाद आशा ने तीन बच्चों को जन्म दिया। शुरुआत में दोनों के बीच बेहद प्यार था, लेकिन बदलते समय के साथ इस कहानी का अंत किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। लता मंगेशकर ने एक दफा बहन की टूटी हुई शादी पर कहा था, ‘मुझे पता था कि यह आशा के सही रिश्ता नहीं है।’ आशा, गणपतराव से तो अलग हो गईं, लेकिन वह फिर भी बहन लता के करीब न आ सकीं। आशा भोसले ने महान संगीतकार राहुल देव बर्मन (आरडी बर्मन) के साथ दूसरी शादी की, जो उनसे छह वर्ष छोटे थे। हालांकि, यह रिश्ता भी लंबे वक्त तक नहीं चल पाया।
‘ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना’ और ‘इन आंखों की मस्ती’ समेत कई बेहतरीन गीतों के लिए जानी जाने वालीं आशा भोसले पुरस्कार जीतने के मामले में भी अव्वल रही हैं। आशा को 18 बार फिल्मफेयर के लिए नामांकित किया गया, जिसमें से वह सात बार पुरस्कार अपने नाम करने में सफल रहीं। 1979 में फिल्मफेयर जीतने के बाद आशा भोसले ने खुद को यह कहते हुए नॉमिनेट करने से मना कर दिया कि नई प्रतिभाओं को भी अवसर मिलना चाहिए। गायिका को वर्ष 2001 में ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।