ज्येष्ठ मास लगते ही पारा पंहुचा 40 के पार

-बारिश व औलावृष्टि के चलते बैसाख मास का दूसरा पखवाडा रहा राहत भरा
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | मंगलवार को ज्येष्ठ मास लगते ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पंहुच गया है। इससे पूर्व बारिश व औलावृष्टि होने के चलते बैसाख मास की दूसरा पखवाडा गर्मी से राहत भरा रहा था। माना जा रहा है कि ज्येष्ठ माह में भीषण गर्मी का कहर होता है। गर्मी से उबाल खाते इस महिने को साल के 12 महिनों से बडा यानि ’ज्येष्ठ’ माना जाता है। गर्मी होने के साथ-साथ ठंडे पेय पदार्थों व आइसक्रीम की मांग बढने लगी है। जिससे स्वास्थ पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है। जिससे बचने के लिए स्वास्थ विभाग के चिकित्सकों की ओर से बाजार में सुलभता से मिलने वाले ठंडे पेय पदार्थों की बजाय घर में बनी छाछ-राबडी कहीं अधिक गुणकारी है। आमजन छाछ रबड़ी पीना शुरू करेंगे तो आज से ही कोल्ड ड्रिंक को बंद कर देंगे।
उप नागरिक अस्पताल कनीना में कार्यरत प्रवर चिकित्सा अधिकारी डाॅ रेनु वर्मा ने बताया कि ठंडे पेय पदार्थों के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारियों के पनपने का अंदेशा रहता है वहीं आर्थिक नुकसान भी होता है। इसके विपरीत घरेलू व देसी पेय पदार्थों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन माना गया है। आयुर्वेद शास्त्र में छाछ-राबड़ी की तुलना अमृत से की है। जो स्वास्थ्य के लिए अति लाभकारी है। इसमें शरीर के भीतर के घातक पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकालकर फेंकने की ताकत होती है। यह शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को बढ़ाने की ताकत अपने अंदर समेटे हुए हैं। गर्मी में छाछ-रबड़ी का नियमित सेवन करने से शरीर तंदुरुस्त तथा बलिष्ठ बना रहता है। छाछ में विटामिन बी-12, कैल्शियम, पोटेशियम,फॉस्फोरस सहित अनेक पोषक तत्व रहते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक रहते हैं। जिसका पेट साफ नहीं होता, पेट से आवाज निकलती है। छाछ पीने से ये बीमारियां समाप्त होने लगती है। छाछ के सेवन से शरीर की 90 फीसदी कमियां बाहर निकल जाती है। उष्णता तुरंत कम होकर अच्छी व शांत नींद आने लगती है।