दीपावली के नजदीक आते ही मिट्टी के दीये ’नजरों तले दबे’ बढने लगी चाइनीज बिजली उपकरणों की मांग
कुम्हारों के लिए घाटे का सौदा बने मिट्टी के दिये,सरकार से की विशेष पैकेज की मांग
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | दीपावली का त्योेंहार ज्यों-ज्यों नजदीक आता जा रहा है त्यों-त्यों बाजार में चाइनीज लडी व आइटमों की भरमार होती जा रही है। नतीजतन मिट्टी के दीयों की मांग कम होने लगी है। जिससे मिट्टी के दीए बनाने वाले कुम्हार समुदाय की आमदनी पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। दिये बनाने के लिए कुम्हारों की ओर से एक माह पूर्व कार्य शुरू किया जाता है। जिनके तैयार होने के बाद उन्हें बाजार में उतरा जाता है। जहां दो रूपये प्रति दीया के रेट भी उन्हें नहीं मिल पाते। इसके अलावा रंग-बिरगें चाइनीज बिजली उपकरण लोगों को अपनी ओर आर्कषित करते हैं जो मिट्टी के दीयों से अधिक कीमत के होते हैं। नागरिक उन्हें खरीद कर घर ले जाना पसंद करते हैं। परंपरागत दीयों को अनदेखा कर इन चाइनीज बिजली उपकरणों से आखों पर विपरीत प्रभाव पडता है। गांव के बुजुर्ग व्यक्ति आज भी मिट्टी के दीयों को महत्व देेते हैं। मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हार दीये लेकर गलि-गलि घूम रहे हैं जहां उन्हें लागत से कम कीमत पर दीये देने पड रहे हैं। दिये बेच रही महिला सुशीला देवी ने कहा कि एक महिने पहले उनकी ओर से दीपक तैयार किए जाते हैं। जिनकी लागत भी नहीं मिल पाती। उनके लिए दीपक बनाना घाटे का सौदा हो गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से कुम्हारों को विशेष प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग की है।
सुरक्षित दीवाली मनाने के लिए उठाएं कारगर कदम
सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए ग्रामीणों द्वारा ऐतिहात बरती जानी चाहिए। इस बारे में उप नागरिक अस्पताल कनीना में कार्यरत डाॅ जेके मोरवाल व डाॅ अंकित शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में एयर क्वालिटी ठीक नहीं है। एक्यूआई 300 से अधिक होने के कारण श्वांस तथा नेत्र रागियों की संख्या बढ रही है। पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसके अलावा युवक गंधक और पोटाश को पटाखे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे ध्वनि तथा वायु प्रदूषण होता है। जो स्वास्थ पर बुरा प्रभाव डालता है। बाजार में धडल्ले से बेचे जा रहे गंधक ओर पोटाश की बिक्री पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि बाजार में मिठाई खरीदते समय उपभोक्ता सावधानी बरतें। मिठाई की शुद्वता व गुणवत्ता का ध्यान कर खरीदना चाहिए। मिलावटी तथा बासी मिठाई स्वास्थ को खराब कर सकती है। सूखे मेवे या घर में बनी मिठाई का उपयोग करें तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए खासकर बच्चों को आतिषबाजी तथा बिजली के उपकरणों से दूर रखें। उन्होंने कहा कि त्योंहार के दृष्टिगत अस्पताल में बर्न वार्ड बनाया गया है।