अरुण जेलदार 15 मुख्य यजमानों में शामिल: 52 पालों के अध्यक्ष अयोध्या पहुंचे
बोले- प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियों में जुटा
city24news@ऋषि भारद्वाज
होडल | रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूजन में विभिन्न वर्गों से 15 यजमान शामिल होंगे। जिनमें हरियाणा की तरफ से पलवल जिले के सौंदहद गांव निवासी 52 पालों के अध्यक्ष चौधरी अरुण जेलदार को शामिल किया गया है। उनका चयन होने से परिवार ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लिए यह सौभाग्य की बात है। 52 पालों के अध्यक्ष चौ. अरुण जेलदार अयोध्या नगरी पहुंच चुके हैं। इस शुभ कार्य में उनके चयन के बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि यह भगवान श्रीराम की कृपा है, उनकी 5 पीढ़ियां समाज सेवा में जुटी हुई हैं। दिल्ली से लेकर ग्वालियर तक पड़ने वाली 52 पालों की जिम्मेदारी उनसे पहले उनकी 4 पीढ़ियों ने संभाली और अब वे स्वयं इस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। शायद इसी को देखते हुए उन पर भगवान श्रीराम की कृपा हुई है।
अरुण चौधरी ने बताया कि अयोध्या से भक्त जब उनके पास यह निमंत्रण लेकर पहुंचे तो उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जब उन्हें बताया कि आपको अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य 15 यजमानों में शामिल किया गया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह श्रीराम व श्रीकृष्ण की उन पर विशेष कृपा हुई है, क्योंकि सौंदहद गांव हरियाणा के छोर पर बसे पलवल जिले का है।
बृज 84 कोस परिक्रमा में पड़ता है सौंदहद गांव
लेकिन बृज क्षेत्र में पड़ता है। बृज 84 कोस परिक्रमा भी इसी गांव से होकर गुजरती है। उन्होंने बताया निमंत्रण के बाद कई बार उनके पास अयोध्या से फोन पर मैसेज आए कि आपको 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचना।है। अरुण जेलदार ने बताया कि 20 जनवरी को वह अयोध्या पहुंचे तो उसके बाद से वहां होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है, जिनमें उन्हें
कुछ दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
जिनको सार्वजनिक करने से उनसे मना किया गया है। इसलिए वे इतना ही बता सकते हैं कि वह 22 को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियों में जुटे हैं। 5000 साल पहली अयोध्या की तरह सजी रामनगरी चौ. अरुण जेलदार ने बताया कि वह 20 जनवरी की शाम को जब अयोध्या नगरी पहुंचे तो लग रहा था कि जिस समय भगवान राम अयोध्या आए होंगे, उस समय भी यहां की जनता इतनी ही खुश होगी, जितनी आज दिखाई दे रही है। उन्होंने प्रशासन के बारे में बताया कि यहां तैनात जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों का व्यवहार भी उसी प्रकार है, जैसा हमने ग्रंथों में पढ़ा है और टीवी पर रामलीला में देखा है।