समर कैंप में मातृभाषा के अलावा एक या उससे अधिक भाषाएं सिखाई जा रही है: डॉक्टर मुहम्मद जुनैद

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवासन नूँह में भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित करवाया जा रहा है जिसमें छात्रों व स्कूल स्टाफ़ बढ़चढ़ कर भाग ले रहे है।आरोही स्कूल के इंचार्ज डॉक्टर मुहम्मद जुनैद ने बताया के यह ग्रीष्मकालीन शिविर सभी राजकीय व प्राइवेट विद्यालयों में 2 जून से 8 जून 2025 तक 7 दिवसीय भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में आयोजित करवाया जा रहा है। समर कैंप कुल 28 घंटे के लिए फिजिकल मोड में आयोजित किया जाना है और प्रत्येक स्कूल में कम से कम 75 से 100 छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करनी अनिवार्य है। समर कैंप में आत्म परिचय, शब्दावली निर्माण,वास्तविक जीवन में बातचीत के अभ्यास,संस्कृति की सराहना, सुदृढ़ीकरण और आत्मविश्वास निर्माण आदि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है,ताकि क्षेत्रीय भाषाओं और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से भाषा सीखने को बढ़ावा दिया जा सके।हम अपने आरोही स्कूल में छात्रों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है। प्रत्येक दिन की गतिविधियों की फोटो व प्रतिभागियों की संख्या सहित वो भी सुनिश्चित कर रहे है।हमारे स्कूल में सभी स्टाफ़ बच्चों को पूरी तरहा से जागरूक कर रहे। जिनका मै दिल से धन्यवाद करता हूँ।जिसकी वज़ह से समर कैंप में, बच्चे विभिन्न रचनात्मक, शैक्षिक, और शारीरिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं,जो उन्हें नया कौशल सीखने और सामाजिक संबंध बनाने में मदद करते हैं।ये गतिविधियाँ बच्चों के समग्र विकास, जैसे आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में भी मदद करती हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के त्रिभाषा फार्मूले पर केंद्र सरकार ने देश की भाषायी विविधता को स्कूली बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने को लेकर एक और बड़ी पहल की है।जिसमें इस बार गर्मी की छुट्टियों में देश भर के सरकारी व निजी दोनों ही स्कूलों में एक भारतीय भाषा समर कैंप आयोजित किया जा रहा है। मातृभाषा के अलावा एक या उससे अधिक भाषाएं सिखाई जा रही है।
इस कैंप के दौरान बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ-साथ एक या उससे अधिक भारतीय भाषा सिखाई जा रही है।यह सीख उन्हें रोचक अंदाज में खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए दी जाएगी। यह समर कैंप एक सप्ताह का होगा, जिसमें बच्चों को भारतीय भाषा से जोड़ने के लिए हर दिन चार घंटे की गतिविधियां संचालित हो रही है। ऐसे में कुल 28 घंटे का प्रशिक्षण होगा। कैंप के अंतिम दिन बच्चों को स्कूल कि तरफ़ से सम्मानित भी किया जाएगा।नूँह इलाके में बच्चों ने हिन्दी व अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ उर्दू को,दूसरी भाषा के तोर पर इस्तेमाल करते है, , क्योंकि बच्चों कि मातृभाषा उर्दू ही है, इस मौके पर स्कूल इंचार्ज डॉक्टर मुहम्मद जुनैद साहेब,भाल सिंह भाटिया, मास्टर मुबारिक व प्रेमचंद आदि मौजूद रहे।