21 अक्टूबर को रामेश्वरदास मंदिर में आयोजित होगा अन्नकुट पर्व

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-श्रधालुओं को वितरित किया जायेगा प्रसाद
-मंदिर में लगे अति दुर्लभ चित्र व प्रतिमायें कर रही श्रद्धालुओं को आकर्षित
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | हरियाणा-राजस्थान की सीमा से सटे गांव बामनवास-नो स्थित रामेश्वर दास मंदिर में कल 21 अक्टूबर को अन्नकुट पर्व आयोजित किया जाएगा। इस बारे में मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सुरेश केडिया ने बताया कि 20 अक्टूबर सोमवार को दीपावली पर्व मनाया जायेगा। उसके बाद गोवर्धन पूजा के दिन 21 अक्टूबर को मंदिर में विशाल अन्नकुट का प्रसाद तैयार किया जायेगा। जिसमें चावल, मूंग, बाजरा, कढी, सब्जी तैयार कर दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। दीपोत्सव तथा गोवर्धन पूजा की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की स्थापना महाराज रामेश्वरदास की ओर से 1973 में की गई थी। मंदिर में वर्ष में मुख्यत 6 समारोह रामनवमी, शारदीय व चैत्र नवरात्र, मकर सक्रांति, गोवर्धन पूजा तथा महाराज रामेश्वरदास की पुण्यतिथि पर आयोजित किये जाते हैं जिनमें महेंद्रगढ जिला प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा भगवान शंकर का रुद्राभिषेक व अनुष्ठान का अन्य कार्यक्रम समय-समय पर होता रहता है।
श्रधालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं 8 एकड भूमि पर फैला मंदिर
मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेश केडिया ने बताया कि करीब 8 एकड़ भूमि पर बने मंदिर एवं गौशला में विभिन्न देवी-देवताओं व विद्वानों के अति दुर्लभ चित्र एवं आकर्षक प्रतिमायें लगी हुई हैं। जिन्हें देखने व समझने के बाद श्रद्धालुओं को शुकुन का एहसास होता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर हनुमानजी की विशालकाय प्रतिमा लगी हुई है वहीं द्वितीय तल पर शंकर भगवान के नंदी व शिवंलिग की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के प्रारंभकाल गुरु जंभेश्वर से लेकर कलियुग तक के चित्र दिखाये गये हैं इसके साथ ही बड़े-बड़े अक्षरों में रूपया पैसा न चढावें ओर ना ही किसी को देवें लिखा गया है,जो मंदिर की खासियत को दर्शाता है। मंदिर प्रांगण में रामेश्वरदास समाधि स्थल, दुर्गा माता, रामदरबार, लक्ष्मीनारायण,शुकदेव मुनि, वृंदावन बिहारी लाल, हनुमान मंदिर, महादेव, 9 ग्रह, विराट रूप, अखंड ज्योति, संत दुल्लादास, शास्त्रीजी रामजस, शंभूदास, महिसासुर मृदनि, नरसिंह भगवान, शेष शैया, सूर्यदेव, संत तुलसीदास, अन्नपूर्णा दरबार, नंदेश्वर, भोलेनाथ, नारदजी, भक्त प्रहलाद, परशुराम, गीताभवन संस्कृत में सभी 18 अध्याय, गायत्री माता, 52 भैरव, 64 योगिनी, 9 देवी, भद्रकाली, गणेशजी, संतोषी माता, सरस्वती माता, महालक्ष्मी दरबार, वामन भगवान, भैरव, दत्तात्रेय, भगवती गंगा, यमुना जैसे दुर्लभ चित्र एवं प्रतिमायें लगी हुई हैं। जिन्हें श्रद्धालु घंटे तक निहारते रहते हैं। माना जाता है कि एक बार जो श्रद्धालु वहां पहुंच जाता है वह बार-बार जाने को आतुर होता है। इस मौके पर पंडित फाउंडेशन दिल्ली के अध्यक्ष हनुमान भारद्वाज, पवन भारद्वाज, सुरेश चंद, रमेश चंद शर्मा, विनोद कुमार शर्मा, विजय शर्मा, लक्ष्मण शास्त्री, सूबेदार कमलेश वशिष्ठ,सुनील कुमार नम्बरदार,दलीप सिंह, डाॅ राजेश शमा उपस्थित रहेगें।