राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर फिरोजपुर झिरका में पशुपालक जागरूकता कैंप का आयोजन
-स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए पशुपालकों को दिए गए महत्वपूर्ण दिशा–निर्देश
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | जिले में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर बुधवार, 26 नवम्बर को राजकीय पशु चिकित्सालय फिरोजपुर झिरका में पशुपालक जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया।
यह कैंप जिला पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र सहरावत के निर्देशन तथा चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को स्वच्छ दूध उत्पादन, पशु स्वास्थ्य और दुग्ध गुणवत्ता में सुधार के लिए जागरूक करना था।
वक्ताओं ने बताया कि हर वर्ष 26 नवम्बर को भारत के ‘दूध क्रांति के जनक’ डॉ. वरघीस कुरियन की जयंती राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाई जाती है। डॉ. कुरियन के अथक प्रयासों से देश में श्वेत क्रांति आई। आज भारत विश्व में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला देश है, जिसका श्रेय ग्रामीण क्षेत्रों के मेहनती पशुपालकों को जाता है।
कैंप में राजकीय पशु चिकित्सालय फिरोजपुर झिरका के पशु चिकित्सक डॉ. सुभाष चंद गहलोत ने पशुपालकों को स्वच्छ दूध उत्पादन की विभिन्न तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। “स्वच्छ दूध की शुरुआत स्वस्थ पशु से होती है। यदि पशु स्वस्थ नहीं होगा तो उच्च गुणवत्ता वाला दूध प्राप्त करना संभव नहीं है।”
उन्होंने पशु आवास की स्वच्छता, नियमित सफाई, उचित पोषण, समय-समय पर टीकाकरण और रोग नियंत्रण को अत्यंत आवश्यक बताया।
डॉ. गहलोत ने सुझाव दिया कि दूध दुहने से पहले पशु के थनों की अच्छी तरह से सफाई करना, साफ एवं स्टेरिलाइज़्ड बर्तनों का उपयोग, अंगूठे के बजाय फुल हैंड तकनीक से दुहना, दुहने के बाद कम से कम आधे घंटे तक पशु को न बैठने देना तथा एंटीसेप्टिक से थनों की सफाई जैसी छोटी-छोटी सावधानियाँ दूध की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करती हैं।
उन्होंने कहा कि इन सरल उपायों को दैनिक दिनचर्या में अपनाकर पशुपालक न केवल अपने दूध की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं, बल्कि बाजार में बेहतर मूल्य भी प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों ने विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी को बड़ी रुचि के साथ सुना और स्वच्छ दूध उत्पादन के प्रति अपनी जागरूकता बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया। पशुपालन विभाग ने ऐसे और जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चलाने की बात कही।
