निराश्रित बच्चों को संबल देने की पहल — हर माह 2100 रुपए की सहायता से बदलेगी जिंदगी : उपायुक्त
– जिला में 6501 निराश्रित बच्चों को दी जा रही है आर्थिक सहायता
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं सहकारिता विभाग के माध्यम से निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत जिला में 6501 पात्र निराश्रित बच्चों को प्रति माह 2100 रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित न रहें।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सहायता उन बच्चों को प्रदान की जा रही है जिनकी आयु 21 वर्ष तक है और जो माता-पिता की मृत्यु, लंबे समय से अभिभावकीय देखभाल से वंचित होने, माता-पिता के एक वर्ष या उससे अधिक सजा भुगतने अथवा मानसिक या शारीरिक अक्षमता के कारण बेसहारा हो गए हैं। योजना का लाभ वही परिवार प्राप्त कर सकता है जिसकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक न हो। एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रति माह 2100 रुपए प्रति बच्चा की दर से आर्थिक सहायता दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास बेसहारा होने का प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र तथा हरियाणा में कम से कम पांच वर्ष का निवास प्रमाण होना अनिवार्य है। निवास प्रमाण के रूप में फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड अथवा अन्य मान्य दस्तावेजों की स्वयं सत्यापित प्रतियां मान्य की जाएंगी। इसके अतिरिक्त परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आवश्यक है।
यदि किसी आवेदक के पास आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, तो वह अन्य प्रमाण पत्रों के साथ हरियाणा में पिछले पांच वर्षों से निवास का हलफनामा प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बच्चे के माता-पिता या अभिभावक किसी अन्य सरकारी पारिवारिक पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं, तो इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने पात्र लाभार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र अथवा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाकर आवेदन करें, ताकि निराश्रित बच्चों को समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा सके और उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सके।
