करंग लगने से बिजली कर्मी की मौत, साथियों ने मिलकर अस्पताल के बाहर किया प्रदर्शन
आज कर्मचारी शव को लेकर मृतक के परिजनों के अर्थिक सहयोग के लिए करेंगे प्रदर्शन
पूरे फरीदाबाद सर्कल के कर्मचारी रहेंगे हड़ताल
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। बरसात में बिजली कर्मचारियों को अधूरे उपकरणों के काम पर जबरन लगाया जा रहा है, जिसका विरोध कर्मचारी सालों से कर रहे है। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा ही एक मामला ऊंचा गांव में सामने आया, जहां बिजली की लाइन पर काम करने समय 34 वर्षीय सहायक लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो गई। जिस पर बिजली निगम के कर्मचारियों ने अस्पताल में पहुंचकर बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और लाइनमैन के परिजनों को अर्थिक सहायता अन्य मदद करने के लिए कहा।
यह है पूरा मामला: मूलरूप से गुरूग्राम के टेंठड गांव में रहने वाले मनोज बिजली विभाग में पिछले 15 सालों से काम कर रहे थे। वह फिलहाल नौकरी के कारण किराये के मकान में बल्लभगढ़ में ही रह रहे थे। सर्कल सचिव विनोद शर्मा, यूनिट सचिव लेखराज चौधरी, यूनिट प्रधान सुनील चौहान, यूनिट प्रधान बल्लभगढ़ मदन गोपाल शर्मा, बल्लभगढ़ सचिन सुरेन्द्र शर्मा एवं यूनिट ग्रेटर फरीदाबाद के सचिव रविदत्त शर्मा ने बताया कि मनोज बल्लभगढ़ शहर के ऊंचा गांव स्थित बिजली लाइन पर काम करते समय गुरुवार को करंट लगने से झुलस गया। जिसे अस्पताल में दाखिल कराया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना की खबर पाकर बिजली निगम के कर्मचारी पहुंच गए। जहां पर उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली निगम के अधिकारी उनसे जबरन काम कराते हैं।
इसलिए किया प्रदर्शन: सर्कल सचिव लेखराज ने बताया कि बिजली विभाग में कौशल रोजगार निगम के तहत ठेकेदारी में रखे गए कर्मियों को जोड़ा गया था। लेकिन आठ कर्मियों का नाम बिजली विभाग के अधिकारियों के द्वारा उसमें शामिल नहीं किया गया। यूनियन के लाख प्रयास के बाद छह का नाम उसमें जोड़ दिया गया। लेकिन बल्लभगढ़ से मृतक मनोज और मथुरा रोड सब डिवीजन पर तैनात संदीप कुमार का नाम पोर्टल पर एक जनवरी 2023 को अपलोड होने से रह गया। तीन माह तो सैलरी उन्हें मिली, लेकिन 18 माह से उनसे बिना सैलरी के दबाब में काम करवाया जा रहा था। ऐसे में उनकी मांग है, कि उन्हें 18 माह का भूगतान दिया जाए और बिजली निगम के टाइअप के कारण एचडीएफसी बैंक से मिलने वाले 50 लाख रुपये का मुआवजा और दस लाख रुपये बिजली विभाग के द्वारा और पांच लाख रुपये रेडक्रॉस के द्वारा जो दिए जाते है, वह मृतक के परिवार को दिए जाए, तब ही वह मृतक मनोज के शव का अंतिम संस्कार करवायेंगे।
कहा हुई लापरवाही: सचिव ने बताया कि कर्मचारियों का पोर्टल पर डाटा नहीं डाला जाता है, उन्हें चक्कर लगवाते हुए जबरन काम करवाया जाता है। ऐसा ही मृतक मनोज के संग हुआ। जिसमें एसडीओ यानि सब डिवीजन से उसके कागजात पोर्ट नहीं हुए, उसके बाद एक्सइएन की आईडी और फिर अंत में अधीक्षक अभियंता की आईडी से पोर्ट होना होता है, लेकिन उक्त सभी अधिकारियों ने कागजात पोर्ट नहीं किए, जिस कारण मृतक और एक अन्य कर्मी को 18 माह से सैलरी नहीं मिल रही है, ऐसे में दूसरे कर्मी को भी कुछ होता है, तो इसका जिम्मेवार भी बिजली विभाग ही होगा। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के नए अधीक्षक के तानाशाह रवैये से भी बिजली विभाग के कर्मचारी खफा है।