‘स्प्री’ एवं ‘एमनेस्टी योजना’ पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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समाचार गेट/ओम यादव
फरीदाबाद
। ऑल इंडिया फोरम फॉर एमएसएमई (AIFoM) के सहयोग से कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC), क्षेत्रीय कार्यालय हरियाणा द्वारा शनिवार, 20 दिसंबर 2025 को होटल पार्क प्लाजा, फरीदाबाद में ‘स्प्री’ (SPREE) तथा ‘एमनेस्टी योजना’ (Amnesty Scheme) पर आधारित एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र के नियोक्ताओं को ईएसआईसी की नवीन योजनाओं, प्रावधानों एवं लाभों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय, हरियाणा के क्षेत्रीय निदेशक श्री सुगन लाल मीना ने की। इस अवसर पर एमएसएमई क्षेत्र के 100 से अधिक नियोक्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में उद्योग जगत एवं विभिन्न विभागों के कई गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से श्री भगत प्रताप सिंह (डीएलसी), श्री श्याम सुंदर कपूर (अखिल भारतीय अध्यक्ष, AIFoM), श्री अनिल चौधरी (महासचिव, AIFoM), श्री वीरभान शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, आईएमटी फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन), श्री आर.एस. वर्मा (निदेशक, AIFoM) तथा श्री वी.के. गुप्ता (अध्यक्ष, हरियाणा चैप्टर, AIFoM) शामिल रहे।

अपने संबोधन में क्षेत्रीय निदेशक श्री सुगन लाल मीना ने ईएसआईसी की नवीनतम योजनाओं एवं छूटों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्प्री योजना 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है, जो नियोक्ताओं के लिए बिना पूर्व रिकॉर्ड जांच, पिछला अंशदान, ब्याज एवं हर्जाना जमा किए बिना ईएसआईसी से जुड़ने का अंतिम अवसर है। उन्होंने नियोक्ताओं से अधिकाधिक पंजीकरण कराने तथा सभी कार्मिकों को ईएसआईसी के अंतर्गत पंजीकृत कर सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

इसके अतिरिक्त उन्होंने एमनेस्टी योजना को नियोक्ताओं के लिए पुराने विवादों के समाधान का सुनहरा अवसर बताया। इस योजना के अंतर्गत “विवाद से समाधान की ओर” की भावना के साथ वास्तविक आधार पर अंशदान जमा करने पर हर्जाना माफ करते हुए आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट की सुविधा प्रदान की जा रही है।

कार्यक्रम में ईएसआईसी की ओर से सामाजिक सुरक्षा अधिकारी श्री अभय झा, श्री भूषण एवं श्री साहिल अग्रवाल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने नियोक्ताओं की तकनीकी जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान किया।

कार्यक्रम के समापन पर एआईएफओएम के प्रतिनिधियों ने ईएसआईसी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के संवादात्मक कार्यक्रम उद्योग एवं सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

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