जिला के सभी पशुओं की होगी गणना : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा 

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उपायुक्त ने जिला के नागरिकों से की अपील सभी नागरिक करवाएं अपने पशुओं की गणना
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा द्वारा 21वीं पशुगणना का कार्य किया जा रहा है। जिला में आगामी 31 मार्च तक 21वीं पशुगणना का कार्य पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए पशु चिकित्सक डॉ. सतीश कुमार को बतौर जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस पशुगणना में 04 प्रगणक शहारी क्षेत्र में तथा 74 ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रगणक घर-घर जाकर पशुओं की गणना करेंगे व 14 सुपरवाइजर इन प्रगणक के कार्य की समीक्षा व निगरानी करेंगे। 21वीं पशुगणना लाइवस्टॉक एप के जरिए होगी। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में सर्वप्रथम सन 1919 में पशुगणना का कार्य किया गया और अब तक 20 बार पशुगणना का कार्य किया जा चुका है। जिले के ग्रामीण इलाकों के सभी गांव व सभी शहरी वार्डों के पशुओं की गणना की जाएगी। इसमें गाय, भैंस, ऊंट, घोड़े, गधे, कुत्ते, भेड़, बकरी व पोल्ट्री इत्यादि की गणना की जाएगी। पशुओं की गणना के साथ उनकी प्रजाति और नस्ल की गणना भी होगी। गौशाला की गाय, घर के पालतू पशु व सडक़ पर घुमने वाले बेसहारा पशुओं की गणना भी की जाएगी। जिला नूंह के 2019 में हुई 20वीं पशुगणना के अनुसार गाय 30088, भैंस 174867, भेड़ 5522, बकरी 26948, घोड़ा 127, पोनी 4, खच्चर 29, गधा 70, सुअर 761, ऊंट 303, कुत्ता 256, खरगोश 1963 की संख्या है। उपायुक्त ने जिला के पशुपालकों से अपील की है कि वे इस पशुगणना कार्य में पशुपालन विभाग की टीम का सहयोग करते हुए इस कार्य को पूर्ण करवा। इस मौके पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. नरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि जब प्रगणक अपनी गणना पूरी कर लेंगे तब उस क्षेत्र से संबंधित सुपरवाइजर के तौर पर काम करने वाले अधिकारी उसका निरीक्षण करेंगे व अपनी रिपोर्ट जिला नोडल अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। इस कार्य का कम से कम 25 प्रतिशत कार्य का सुपरवाइजर निरीक्षण करेंगे। इस उक्त कार्य से संतुष्ट होने पर उसे स्वीकृत या असंतुष्ट होने पर अस्वीकृत संबंधित पर्यवेक्षक द्वारा किया जाएगा। रिपोर्ट अस्वीकृत होने पर संबंधित प्रगणक दोबारा गणना करेंगे। 21वीं पशुगणना के लिए प्रगणकों और पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रैनर द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गणना के दौरान 16 प्रजातियों के पशुओं का आंकड़ा लिया जाएगा जोकि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के निर्माण में सहायक होगा तथा साथ ही ये सूचना वर्तमान में पशुओं और पशुपालन के प्रति रूझान का आंकलन करेगी।

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