अल नावेद एग्रो फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बनी किसानों का सहारा, 

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-मांड़ीखेड़ा की मीट प्रोसेसिंग यूनिट के गोबर और पानी से किसानों का मुनाफा बढ़ा
-अलाना यूनिट मेवात की प्रगति, हरियाली, आत्मनिर्भरता और खुशहाली में भागीदार
-जैविक खाद से खेतों में लौटी हरियाली, यूरिया व डीएपी पर निर्भरता घटी।
City24news/सुनील दीक्षित

नूंह | गांव मांड़ीखेड़ा स्थित अल नावेद एग्रो फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड आज मेवात के किसानों के लिए नई उम्मीद बन गई है। कंपनी के मीट प्रोसेसिंग यूनिट से निकलने वाला गोबर और फिल्टर किया पानी अब खेतों में जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ी है और किसानों की यूरिया व डीएपी जैसे रासायनिक खादों पर निर्भरता घट गई है।

अलाना मीट प्रोसेसिंग यूनिट और अल-नावेद एग्रो फूड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड ने मिलकर औद्योगिक, कृषि और पर्यावरणीय विकास का एक संतुलित मॉडल पेश किया है। खेतों में प्राकृतिक खाद के उपयोग से फसलें ज्यादा हरी-भरी हो रही हैं और किसानों को दोगुना मुनाफा मिल रहा है। कंपनी ने क्षेत्र के सैंकड़ों युवाओं को रोजगार देने के साथ हरियाली और स्वच्छता को भी बढ़ावा दिया है।

कानूनी मानकों से संचालित फैक्ट्री :-

कंपनी के प्रबंधन अधिकारी हाजी मोहम्मद हारून खान ने बताया कि फैक्ट्री में पशुओं की ब्लड टेस्टिंग लैब में होती है ताकि किसी बीमार पशु का मांस बिक्री में शामिल न हो। हलाल पशुओं का मांस 32 देशों में निर्यात किया जाता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। प्रतिबंधित पशुओं की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह रोक है और सभी कार्य कानूनी मापदंडों के अनुसार किए जाते हैं।

खेती में आई हरियाली और स्थिरता :-

गांव मांड़ीखेड़ा, नाई नंगला, जलालपुर फिरोजपुर और रानीका के किसानों को फैक्ट्री से जैविक खाद और फिल्टर पानी मिल रहा है। किसानों का कहना है कि इससे लागत घटी, उत्पादन बढ़ा और मिट्टी की नमी बरकरार रही। गांव रानीका, मांड़ीखेड़ा के किसानों ने बताया कि अब उनकी फसलें पहले से ज्यादा मजबूत हैं और पैदावार से मुनाफा बढ़ा है।

हरियाली और रोजगार का नया केंद्र :-

कंपनी के प्रबंधक हाजी मोहम्मद हारून खान ने बताया कि उनका उद्देश्य केवल उत्पादन नहीं, बल्कि कृषि और पर्यावरण में सामंजस्य स्थापित करना है। फैक्ट्री परिसर में सैकड़ों पौधे लगाए गए हैं और आधुनिक तकनीक से प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सैकड़ों युवाओं को रोजगार :-

कंपनी की यूनिट में स्थानीय युवाओं को मीट प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और तकनीकी संचालन में रोजगार मिला है। साथ ही सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व लाभ हो रहा है। स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने से यह यूनिट मेवात की प्रगति, हरियाली, आत्मनिर्भरता और खुशहाली की मिसाल बन गई है।

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