पिता के बाद 14 वर्षीय दिव्यांग बेटी ने भी शरीर दान करने का संकल्प लिया
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। मां बाप अपने बच्चों को जान से भी ज्यादा प्यार करते है। लेकिन कभी कभी उन्हें कलेजे पर पत्थर रखकर ऐसा निर्णय भी लेना पड़ता जिसके लिए उनकी अंतरात्मा नहीं मानती। ताऊ देवीलाल वृद्वाश्रम के संचालक किशन लाल बजाज ने भी कुछ ऐसा निर्णय लिया है। उन्होनें अपनी 14 वर्षीय दिव्यांग बेटी कोमल की यदि मृत्यु होती है तो उसके शरीर को शिक्षण और अनुसंधान उद्देश्य के लिए एनाटॉमी विभाग, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, एनएच 3, एनआईटी, फरीदाबाद, को दान करने का संकल्प लिया है। किशन लाल बजाज ने कहा कि मैने स्वंय भी अपना शरीर दान देने का संकल्प लिया हुआ है और अब अपनी बेटी कोमल के शरीर को भी दान देने का संकल्प लेकर उन्होनें मानवता के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है। अंगदान को सर्वोतम दान बताया गया है क्योंकि एक व्यक्ति अंगदान कर के ही दूसरे को जीवन का वरदान दे सकता है