अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की सख़्ती, फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में अवैध रास्तों का पुनः निरीक्षण।

0

– एसडीएम लक्ष्मी नारायण के नेतृत्व में खनन विभाग, वन विभाग तथा पुलिस इनफोर्समेंट ब्यूरो नूंह की संयुक्त टीम ने क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया।
– संयुक्त टीम ने गाँव रवा, निहारिका, चितोड़ा व बसई मेव से छपरा तथा नांगल की ओर जाने वाले रास्तों का पुनः किया मौका निरीक्षण ।
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | जिला नूंह प्रशासन द्वारा अवैध खनन गतिविधियों पर सख़्ती से अंकुश लगाने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज उपमंडल अधिकारी (नागरिक) फिरोजपुर झिरका, लक्ष्मी नारायण के नेतृत्व में खनन विभाग, वन विभाग तथा पुलिस इनफोर्समेंट ब्यूरो नूंह की संयुक्त टीम ने क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया।

संयुक्त टीम ने गाँव रवा, निहारिका, चितोड़ा व बसई मेव से छपरा तथा नांगल की ओर जाने वाले रास्तों का पुनः मौका निरीक्षण किया। यह वही रास्ते हैं जिन्हें पूर्व में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा बंद करवाया गया था। इन रास्तों को या तो पूरी तरह से बंद कर दिया गया था अथवा गहरी खाई खुदवाकर समाप्त कर दिया गया था, ताकि खनन माफिया उनका उपयोग कर अवैध गतिविधियों को अंजाम न दे सकें।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन स्थानों पर अब तक प्रशासनिक कार्रवाई के परिणामस्वरूप अवैध खनन की गतिविधियाँ काफ़ी हद तक नियंत्रित हो चुकी हैं। क्षेत्र में खनन रोकने के लिए बनाई गई व्यवस्थाएं कारगर साबित हो रही हैं। टीम ने यह भी सुनिश्चित किया कि जिन स्थानों पर पहले अवैध रास्तों का उपयोग किया जा रहा था, वे अब पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुके हैं और किसी प्रकार का परिवहन कार्य संभव नहीं है।

एसडीएम लक्ष्मी नारायण ने कहा कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है बल्कि इससे सरकारी राजस्व को भी भारी क्षति पहुँचती है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि प्रशासन की प्राथमिकता क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों की सुरक्षा और क्षेत्र की भौगोलिक संरचना को बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है। अवैध खनन के चलते जहाँ भूमि का कटाव और गहरी खाइयाँ बन जाती हैं, वहीं भविष्य में जलभराव और बंजर भूमि जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न हो जाती हैं। इसी कारण इन गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाना अनिवार्य है।

संयुक्त टीम ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से भी बातचीत की और उन्हें अवैध खनन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया गया कि प्रशासन पूरी गंभीरता से उनकी सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। यदि कहीं भी अवैध खनन की गतिविधि दिखाई देती है तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग या प्रशासन को दें।

प्रशासन द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के औचक निरीक्षण किए जाते रहेंगे। इससे न केवल अवैध खनन पर अंकुश लगेगा बल्कि संभावित रूप से खनन माफियाओं के हौसले भी पस्त होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *