अरावली क्षेत्र में आगजनी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध- उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

– एसडीएम तावड़ू की अध्यक्षता में की कमेटी गठित
– वन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को दिए उचित कार्यवाही के निर्देश
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि जिला प्रशासन खोरी कलां तावड़ू में कैमिकल पदार्थ व फैक्टरियों सहित अन्य सॉलिड वेस्ट जलाने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी संदर्भ में एसडीएम तावड़ू संजीव कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वन विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं।
उपायुक्त ने यह जानकारी वीरवार को पत्रकारों से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के पास अरावली क्षेत्र में आगजनी की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी, जिससे काफी मात्रा में प्रदूषण फैलने, जीव-जंतुओं व वनस्पतियों को गंभीर क्षति पहुंचने सहित वायुमंडलीय प्रदूषण व लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान की अधिक संभावना बनी हुई है। इसी नुकसान से बचने के उद्देश्य से अरावली क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आगजनी करने जैसी घटनाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं के संदर्भ में एनजीटी भी गंभीर है। जिला प्रशासन की ओर से गठित कमेटी से रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें जो भी वास्तविक तथ्य सामाने आएंगे, उस हिसाब से जरूरी कार्यवाही की जाएगी। अगर इस मामले में कोई भी व्यक्ति कूड़ा-कचरा व केमिकल पदार्थ आदि जलाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने जानकारी दी कि पिछले दिनों इसी मामले में दो ट्रालियां जब्त की गई हैं। कुछ कबाड़ियों को आग जलाने जैसी घटनाओं में शामिल पाए जाने की सूचना भी मिली थी, जोकि पंचायती जमीन पर काबिज हैं। इस मामले में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तावड़ू को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करवाएं। इस संदर्भ में वन विभाग को भी लिखा है कि ऐसे मामलों में संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। पाल्यूशन संबंधी नार्म्स पूरा न करने पर ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने गत दिसंबर माह में करीब 13 फैक्ट्रियां बंद कराई थी। उन्होंने बताया कि पाल्यूशन संबंधी घटनाओं पर जिला प्रशासन जीरो टोलरेस नीति के तहत कार्य कर रहा है, अगर इसमें कोई अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को संबंधित क्षेत्रों में निरंतर निरीक्षण करने व पुलिस तथा संबंधित एसडीएम को सहयोग करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाना संभव हो। इस संबंध में किसी भी विभाग की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।