तावडू में बिना पर्चे के बेची जा रही थी गर्भपात किट, सोनीपत स्वास्थ्य विभाग टीम ने किया भंडाफोड़। बाप बेटे गिरफ्तार

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला नूंह के तावडू शहर के बावला चौक स्थित पंडित जी मेडिकल स्टोर पर गर्भपात के लिए उपयोग की जाने वाली एमटीपी किट को गैरकानूनी तरीके से बेचे जाने का बड़ा मामला सामने आया है । इस अवैध गतिविधि का भंडाफोड़ जिला सोनीपत की स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एक फर्जी ग्राहक के माध्यम से किया गया। मामले में मेडिकल स्टोर के मालिक पंकज भारद्वाज और उनके पिता जयभगवान सिंह के खिलाफ तावडू सिटी थाना में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर किया गया है।
सोनीपत स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि तावडू के एक मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर की पर्ची और पंजीकृत चिकित्सा संस्थान की निगरानी के बिना एमटीपी किट बेची जा रही है, जो मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट का उल्लंघन है। इस सूचना के आधार पर जिला सोनीपत के नागरिक सर्जन द्वारा गठित टीम जिसमें डॉ. सुमित कौशिक (पीसीपीएनडीटी/एमटीपी नोडल अधिकारी), नितिन फालस्वाल और डॉ. इबका फारूक शामिल थे, ने 12 मई को कार्रवाई की। टीम द्वारा तैयार एक महिला ग्राहक के जरिए एक हजार रुपए में एमटीपी किट खरीदवाई। फर्जी महिला ग्राहक ने मेडिकल स्टोर पहुंचकर एमटीपी किट मांगी । मेडिकल स्टोर पर मौजूद पंकज भारद्वाज ने बिना किसी मेडिकल पर्ची के किट बेची और इसे उपयोग करने का तरीका भी बताया। सिग्नल मिलने पर टीम ने दुकान पर दबिश दी और अपने आप को परिचित कराते हुए तलाशी ली। तलाशी के दौरान फर्जी ग्राहक को द्वारा दिए गए एक हजार और पांच सौ रुपये की नोटें पंकज के पिता जयभगवान से बरामद हुईं, जो पूर्व से सील की गई सूची में मौजूद थी। मौके से एमटीपी किट को भी जब्त किया गया, जिसमें माइफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल नामक दवाएं थीं जो गर्भपात के लिए उपयोग होती हैं। गर्भपात की यह दवा केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर की निगरानी में और अधिकृत केंद्र पर ही दी जा सकती है। इस प्रकार इसकी अवैध बिक्री एमटीपी एक्ट के तहत गंभीर अपराध है। इस पूरी कार्रवाई की सूचना सीएचसी तावडू के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. निहाल चंद द्वारा तावडू शहर थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पंकज भारद्वाज और उनके पिता जयभगवान सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने मौके से दोनों आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्र किए हैं और विशेष रिपोर्ट उच्च अधिकारियों व मजिस्ट्रेट को भेज दी गई है। मामले की जांच जारी है।
बता दें कि गर्भपात से संबंधित दवाइयों की अवैध बिक्री एक गंभीर अपराध है जो महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की यह संयुक्त कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि ऐसी गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।